आबकारी विभाग की नई पहल, डिवाइस से होगी शराब की जांच
शराब के शौकीनों के लिए राहतभरी खबर है। अब शराब पीने से पहले यह जांचना संभव होगा कि बोतल में भरी शराब असली है या नकली। आबकारी विभाग ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते की अगुवाई में एक नवाचार के तहत अब शराब की दुकानों और बार में एक विशेष डिवाइस अनिवार्य रूप से रखी जाएगी, जिससे ग्राहक खुद अपनी शराब की गुणवत्ता जांच सकेंगे।
कैसे करेगी काम यह डिवाइस?
यह डिवाइस शराब की बोतल पर लगे होलोग्राम को स्कैन करके तुरंत यह बता देगी कि शराब असली है या नकली। जब ग्राहक शराब खरीदेंगे या बार में ऑर्डर करेंगे, तो वे इस डिवाइस की मदद से होलोग्राम की जांच कर सकते हैं। जैसे ही होलोग्राम पर डिवाइस लगाई जाएगी, यह बता देगी कि शराब वास्तविक कंपनी की है या फिर नकली माल बाजार में उतारा गया है।
शराब की दुकानों और बार में डिवाइस रखना होगा अनिवार्य
आबकारी विभाग ने आदेश जारी किया है कि सभी शराब की दुकानें और होटल-बार इस डिवाइस को रखना अनिवार्य करें। इससे ग्राहक शराब की प्रमाणिकता की जांच कर सकेंगे और नकली शराब पीने से होने वाले खतरों से बच सकेंगे।
नकली शराब से जुड़ी समस्याओं पर रोक
नकली शराब का सेवन न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है बल्कि इससे कई बार गंभीर हादसे भी हो चुके हैं। नकली शराब में मिलावट के कारण जहरीली शराब पीने से कई लोगों की जान जा चुकी है। इस नई डिवाइस के आने से इस समस्या पर काबू पाया जा सकेगा और लोगों को सुरक्षित शराब उपलब्ध होगी।
कब से लागू होगा यह नियम?
आबकारी विभाग के निर्देशानुसार इसी माह से शराब दुकानों और बार में यह डिवाइस रखना अनिवार्य होगा। जिन दुकानों और बार में यह डिवाइस उपलब्ध नहीं होगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्राहकों के लिए बड़ी राहत
यह पहल ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। अब वे बिना किसी संदेह के शराब खरीद सकेंगे और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकेंगे। सरकार का यह कदम शराब व्यापार में पारदर्शिता लाने और उपभोक्ताओं को जागरूक करने में सहायक साबित होगा।
आबकारी विभाग की यह पहल शराब उपभोक्ताओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न केवल मिलावटी शराब पर रोक लगेगी बल्कि शराब व्यवसाय में भी पारदर्शिता आएगी। अब ग्राहकों को खुद शराब की गुणवत्ता जांचने का अधिकार मिलेगा, जिससे वे नकली शराब के जाल में फंसने से बच सकेंगे।