“
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर:
राजस्थान सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भूमि पट्टा वितरण प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाकर एक बड़ा प्रशासनिक और तकनीकी सुधार किया है। अब राज्य के सभी 305 नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाएं ‘ई-पट्टा’ (E-Patta) जारी करने में सक्षम होंगी। यह व्यवस्था जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और अन्य नगर विकास न्यासों (UITs) की तरह एकीकृत डिज़ाइन और प्रक्रिया के आधार पर लागू की जाएगी।
इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह द्वारा आदेश जारी किए गए हैं, जो राज्य में भूमि प्रबंधन की पारदर्शिता, तेजी और सुगमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
क्या है ई-पट्टा प्रणाली और कैसे काम करेगी?
नवीन ई-पट्टा प्रणाली के अंतर्गत अब पट्टा जारी करने के लिए नगर निकाय प्रमुख के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी। केवल उनकी फाइल पर स्वीकृति पर्याप्त मानी जाएगी। इसके बाद संबंधित अधिकृत अधिकारी जैसे अधिशासी अधिकारी (EO) या आयुक्त अपने डिजिटल हस्ताक्षर से ई-पट्टा जारी कर सकेंगे। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की संभावनाएं भी काफी हद तक समाप्त होंगी।
पुरानी व्यवस्था में क्या थी समस्या?
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में “प्रशासन शहरों के संग” अभियान के तहत शहरी भूमि पट्टों का वितरण जोर-शोर से किया जा रहा था। लेकिन नई सरकार के गठन के बाद यह प्रक्रिया लगभग ठप हो गई थी। नतीजतन, नगर निकायों में पट्टों के हजारों आवेदन लंबित हो गए थे। आवेदकों को महीनों से जवाब नहीं मिल रहा था और बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे थे।
नई सरकार द्वारा प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के प्रयासों में यह डिजिटल पहल निर्णायक भूमिका निभाएगी। अब निकायों को बार-बार मुख्यालय से स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी और स्थानीय स्तर पर ही निर्णय लेकर पट्टे जारी किए जा सकेंगे।
क्या होगा आमजन को लाभ?
- लंबित पट्टों के आवेदन तेजी से निपटाए जाएंगे
- फाइलों में देरी और भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
- पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य प्रक्रिया
- नगर निकायों में जनता को बार-बार नहीं जाना पड़ेगा
- शासन की जवाबदेही बढ़ेगी
ई-गवर्नेंस की दिशा में मजबूत कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल पट्टा वितरण को सुगम बनाएगा, बल्कि ई-गवर्नेंस की दिशा में भी यह एक ऐतिहासिक पहल है। डिजिटल इंडिया और पेपरलेस प्रशासन की दिशा में यह फैसला राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की क्षमता रखता है।
ई-पट्टा प्रणाली के लागू होने से राजस्थान में शहरी भूमि प्रबंधन की तस्वीर बदलने जा रही है। पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही से युक्त यह प्रणाली भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। सरकार का यह निर्णय शहरी नागरिकों को बड़ी राहत देने वाला है और इससे शासन में जनता का विश्वास और भी मजबूत होगा।