नागौर/डेगाना। राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना कस्बे से शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक और दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक विवाहिता ने अपने मासूम बेटे और बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई और मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
मृतका की पहचान शारदा (उम्र लगभग 30 वर्ष) के रूप में हुई है, जो अपने पुत्र निखिल (उम्र 7 वर्ष) और पुत्री अंशु (उम्र 5 वर्ष) के साथ रेलवे ट्रैक पर पहुंची और तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन के सामने कूद गई। तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
पुलिस को मिला सुसाइड नोट और मोबाइल
घटना की सूचना मिलते ही GRP सहायक निरीक्षक पुनाराम अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मौके की गहन जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस को मृतका का मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें घरेलू कलह और मानसिक तनाव का जिक्र किया गया है।
सुसाइड नोट में लिखी गई दर्दनाक बातें
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट में शारदा ने अपनी पीड़ा को शब्दों में बयां किया है। उसने लिखा कि वह लंबे समय से पारिवारिक तनाव और प्रताड़ना से परेशान थी। बच्चों की भविष्य की चिंता और अपने जीवन की उलझनों ने उसे आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और शोक
घटना की खबर जैसे ही डेगाना कस्बे में फैली, लोग स्तब्ध रह गए। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने बताया कि शारदा शांत स्वभाव की महिला थी, लेकिन पिछले कुछ समय से वह परेशान दिख रही थी। बच्चों के साथ उसकी आत्महत्या ने सभी को अंदर तक झकझोर दिया है।
पुलिस कर रही है गहराई से जांच
GRP और स्थानीय थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की पुष्टि, कॉल डिटेल्स की जांच और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या किसी ने शारदा को आत्महत्या के लिए उकसाया।
समाज और प्रशासन के लिए एक सवाल
इस हृदयविदारक घटना ने समाज और प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। घरेलू कलह और मानसिक तनाव ने एक महिला को इतना मजबूर कर दिया कि उसने अपने मासूम बच्चों को भी मौत की आगोश में ले लिया। अब यह प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों को समय रहते पहचाना जाए और पीड़ितों को उचित सहयोग और परामर्श मिले।
यह खबर एक गंभीर सामाजिक चेतावनी है कि हमें अपने आसपास के लोगों की मानसिक स्थिति और घरेलू वातावरण पर ध्यान देना चाहिए, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।