वरिष्ठ पत्रकार चेतनजी व्यास कि रिपोर्ट।
आदि गुरु शंकराचार्य जी ने सनातन को संजीवनी प्रदान की उन्होंने सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना का संचार कर हिंदु समाज को न ई दशा एवं दिशा प्रदान की एवं संपूर्ण भारतवर्ष का भ्रमण कर चार धाम को स्थापित कर सांस्कृतिक एवं धार्मिक एकता को मजबूत किया ।

उपरोक्त उद्गार महा मंडलेश्वर हितेश्वरानंद सरस्वती उदयपुर ने अपने मारवाड़ प्रवास के दौरान श्रीमाली ब्राह्मण समाज विकास समिति पाली एवं श्रीमाली युवा गरबा मंडल युवा संगठन द्वारा आयोजित 40 बटूको के यज्ञोपवीत संस्कार में आशीर्वचन के तहत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि सनातन में 16 संस्कारों का विधान है जिसमें यज्ञोपवीत संस्कार का स्थान भी महत्वपूर्ण है यह संस्कार ब्रह्मचर्य के पालन उत्तम शिक्षा एवं अन्य दायित्वों से संबंधित संस्कार हैं संपूर्ण विश्व में केवल भारत वर्ष एक ऐसा देश है जहां मानवीय मूल्यों को बहुत महत्व दिया गया है।
उन्होंने पाली श्रीमाली ब्राह्मण समाज के इस सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार आयोजकों को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं भी दी इस मौके स्वामी प्रेमानंद जी महाराज पीठाधीश्वर गीता सत्संग भवन पाली ने इस प्रकार के आयोजनों को संस्कारों को पल्लवित करने का माध्यम बताया उल्लेखनीय है।
श्रीमाली ब्राह्मण समाज विकास समिति पाली अध्यक्ष पीएम जोशी रविशंकर दवे राकेश दवे सचिव योगेन्द्र ओझा,श्रीमती सुरेंद्र जोशी दिनेश दवे,दीपक जोशी अभिषेक व्यास, महेंद्र ओझा, चेतन व्यास, , कमलेश दवे,सिद्धार्थ दवे,सूर्य प्रकाश व्यास ,अरुण व्यास ओम ओझा,सहित बड़ी संख्या में श्रीमाली ब्राह्मण समाज के प्रबुद्ध जनों ने महामंडलेश्वर की अगवानी की इस मौके महामंडलेश्वर हितेश्वरानंदजी सरस्वती ने सभी बंटूकों आशीर्वाद दिया।