नई दिल्ली, 7 मई 2025 | सुबह 10:48 बजे
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
आतंक के अड्डों पर तबाही बनकर टूटा भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’, सीमा पार जाकर 9 आतंकी शिविर ध्वस्त, लश्कर, जैश और हिज्बुल के शीर्ष आतंकी मारे गए
नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार रात एक साहसिक और निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की सरहद में 100 किलोमीटर भीतर तक घुसकर एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस गुप्त और योजनाबद्ध सैन्य अभियान में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त टीम ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद कुल 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।
इस हमले में आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के लगभग 90 आतंकी मार गिराए गए, जिनमें कई शीर्ष प्रशिक्षक और स्लीपर सेल कमांडर भी शामिल हैं। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, के प्रतिशोध में की गई है।
हमले की रणनीति और लक्ष्य:
भारतीय खुफिया एजेंसी RAW द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर इन 9 प्रमुख आतंकी अड्डों को चिन्हित किया गया था। इनमें से 4 शिविर पाकिस्तान में और 5 पीओके में स्थित थे। हमले की टाइमिंग रात 1:30 बजे रखी गई, जब शिविरों में आतंकियों की उपस्थिति सबसे अधिक होती है।
तबाह किए गए प्रमुख आतंकी शिविर:
- बहावलपुर (पाकिस्तान): जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, बॉर्डर से 100 KM अंदर
- मुरीदके (पाकिस्तान): लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा प्रशिक्षण शिविर, 26/11 हमलों से जुड़ा
- गुलपुर (PoK): हिज्बुल का ठहराव और प्रशिक्षण केंद्र
- सवाई (PoK): लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय लॉन्चपैड
- बिलाल कैंप (PoK): जैश का लॉन्चिंग बेस
- कोटली (PoK): लश्कर का हथियार भंडारण अड्डा
- बरनाला कैंप (PoK): लश्कर और जैश का संयुक्त केंद्र
- सरजाल कैंप (सांबा/कठुआ के पास): जैश की सीमा पार गतिविधियों का केंद्र
- मेहमूना कैंप (सियालकोट के पास): हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण अड्डा
सैन्य सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में लश्कर और जैश के कुल 7 शिविरों और हिज्बुल के 2 ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान सेना ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि भारत ने 6 अलग-अलग स्थानों पर 24 मिसाइल दागे, जिनमें 8 लोगों की मौत और 33 घायल हुए हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने मारे गए आतंकियों की संख्या और ठिकानों की तबाही को लेकर चुप्पी साध रखी है। भारत सरकार ने इस ऑपरेशन पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
राष्ट्रीय स्तर पर सतर्कता:
इस ऑपरेशन के बाद भारत में हवाई हमलों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 54 साल बाद फिर से राष्ट्रीय मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है। सभी राज्यों को अलर्ट किया गया है कि वे अपने-अपने स्तर पर आपातकालीन तैयारी रखें। केंद्र सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में आतंक के खिलाफ सख्ती और बढ़ेगी।
भारत का स्पष्ट संदेश:
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए भारत ने न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत अब आतंकी हमलों के जवाब में चुप नहीं बैठेगा। भारत की नीति अब “जीरो टॉलरेंस टू टेररिज्म” पर आधारित है – चाहे दुश्मन सीमा पर हो या सीमा के पार।