आपरेशन सिंदूर दशा और दिशा पर आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन
बलुचिस्तान को आजाद करने का वक्त आ गमा है – कविया
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही के साथ पवन पहाड़िया
नागोर। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की ओर से आपरेशन सिंदूर दशा और दिशा पर आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन पवन पहाड़िया की अध्यक्षता में किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण दान कविया ने कहा कि आपरेशन सिंदूर बहुत ही सफल रहा है। पाकिस्तान के नापाक एवं कुटिल इरादों पर भारत ने भारी एवं निर्णायक जवाब दिया। हालांकि युद्ध से किसी को लाभ नहीं होता लेकिन कभी-कभी स्थायी शांति पाने के लिए युद्ध का सहारा लेना पड़ता है। अपराधों की समाप्ति का मार्ग युद्ध की ओर होकर गुजरता है। देश की आजादी के बाद से ही पाकिस्तान भारत में आतंकी हमले करता आ रहा है। इस बार भारत ने उसे तकडा मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने आज तक बहुत सहन किया और अधिक सहन करना भारत का प्रतीक माना जाने लगा था इसलिए आपरेशन सिंदूर की कार्यवाही वक्त की जरूरत बन गई थी। कविया ने कहा कि अब पीओके के साथ-साथ भारत को बलुचिस्तान को भी पाकिस्तान से छुटकारा दिलाना चाहिएं। बलुचिस्तान की जनता बांग्लादेश की तरह अब पाकिस्तान से अलग होना चाहती है और वो भारत की तरफ आशा की दृष्टि से देख रही है। इंदिरा गांधी की तरह नरेंद्र मोदी को भी साहसी कदम उठाना चाहिए। श्रीराम वैष्णव ने कहा कि भारत शांति एवं अहिंसा प्रिय देश रहा है हम चलाकर किसी पर आक्रमण नहीं करते लेकिन हमारे पर जब आक्रमण होता है तो विवशतावश हमें उसका सटीक जवाब देना ही पड़ता है। सहन करने की भी कोई,सीमा होती है। दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब देना भी हम भारतीय अच्छी तरह से जानते हैं। संगोष्ठी में युवा गीतकार प्रहलाद सिंह झोरड़ा ने कहा कि भारत हमेशा से शांति चाहता आया है इस बात का इतिहास साक्षी रहा है। हमारी धरती भगवान महावीर और बुद्ध की धरती है लेकिन जरूरत पड़ने पर राम और कृष्ण की भांति महायुद्ध करने से भी पीछे नहीं हटते। हमारी माताएं अपने बच्चों को पालने में राष्ट्रहित मरण का संस्कार सिखाती है। संगोष्ठी के अध्यक्ष पवन पहाड़िया ने कहा कि नाजायज हरकतों ने हमारे नाक में दम कर रखा था। हमने बहुत सहन किया लेकिन पहलगाम का आतंकी हमला जाति और धर्म पूछकर मारना ने हमारे धैर्य को झकझोर दिया परिणामस्वरूप आपरेशन सिंदूर जैसी जवाबी कार्रवाई कर हमारी सेना ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डो को नेस्तनाबूत कर दिया। आपरेशन सिंदूर की प्रतिक्रिया में पाक द्वारा की गई सैनिक कार्यवाही के प्रत्युत्तर में हमारी सेना ने सभी हमलों को विफल कर दिया ओर पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी तथा स्वीकार करने के लिए अमेरिका का सहारा लेना पड़ा। संगोष्ठी में सांवलदान कविया ,भंवर वैष्णव, किशोर सिंह चांपावत,मेहराम धोलिया ,मीठूराम ढाका ,फतुराम छाबा ,गोपाल तंवर , सोम कविया अरविंद कविया , नंदकिशोर वैष्णव, ताराचंद आदि जुड़े रहे।