✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत, 13 मई
राजस्थान सरकार ने बेटियों के भविष्य को संवारने और बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 1.50 लाख रुपए कर दिया गया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा 12 मार्च 2025 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान घोषित किया गया था, जिसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
बालिका जन्म के साथ मिलेगा संकल्प पत्र
01 अगस्त 2024 से लागू हुई इस योजना के तहत अब गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बालिका को 1.50 लाख रुपए का संकल्प पत्र राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, और बाल विवाह एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना।
योजना के प्रमुख लाभ: बदलती सोच की दिशा में क्रांतिकारी पहल
इस योजना के तहत:
- बालिका के जन्म पर आर्थिक सहायता मिलने से परिवारों की आर्थिक चिंता कम होगी।
- बेटियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा और माता-पिता उन्हें विद्यालय में लंबे समय तक पढ़ाएंगे।
- बाल विवाह में गिरावट आएगी।
- बालिका शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी और लिंगानुपात में भी सुधार की उम्मीद है।
1.50 लाख की राशि 7 किश्तों में डीबीटी के माध्यम से
इस योजना के तहत 1.50 लाख रुपए की राशि 7 किश्तों में ऑनलाईन DBT माध्यम से दी जाएगी। किश्तों का वितरण निम्नानुसार होगा:
- पहली किश्त – ₹2,500: संस्थागत प्रसव के बाद।
- दूसरी किश्त – ₹2,500: बालिका की आयु एक वर्ष होने और टीकाकरण पूर्ण होने पर।
- तीसरी किश्त – ₹4,000: पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर।
- चौथी किश्त – ₹5,000: छठी कक्षा में प्रवेश पर।
- पांचवीं किश्त – ₹11,000: दसवीं कक्षा में प्रवेश पर।
- छठी किश्त – ₹25,000: बारहवीं कक्षा में प्रवेश पर।
- सातवीं किश्त – ₹1,00,000: स्नातक उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर (पहले यह राशि ₹50,000 थी, जिसे बढ़ाया गया है)।
योजना की पात्रता और प्रक्रिया
- बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान या JSY अधिस्वीकृत निजी संस्थान में होना चाहिए।
- गर्भवती महिला का राजस्थान की मूल निवासी होना आवश्यक है।
- योजना में लाभ हेतु ANC जाँच, विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र, बैंक विवरण, आदि दस्तावेज अनिवार्य हैं।
- बालिका को जन्म के समय Unique ID या PCTS ID प्रदान की जाएगी।
- प्रत्येक किश्त के लिए बालिका की प्रगति और दस्तावेजों की जांच पोर्टल पर की जाएगी।
सख्त निगरानी और नियमित समीक्षा
योजना के प्रशासनिक नियंत्रण में महिला अधिकारिता निदेशालय होगा तथा प्रत्येक 3 माह में जिला कलेक्टर योजना की समीक्षा करेंगे। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स इसके पर्यवेक्षण का जिम्मा संभालेगी।
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत नींव रखती है। राशि में की गई यह बढ़ोतरी निश्चित रूप से बालिकाओं के उज्जवल भविष्य के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित होगी।