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✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली/सोजत – सोने की कीमतों में बीते कुछ समय से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे बाजार में हलचल तेज हो गई है। 22 अप्रैल को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें लगभग 7% की गिरावट दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अभी थमी नहीं है, बल्कि आने वाले दिनों में इसमें और तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।
50-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे बंद होने की आशंका
तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक, सोना अब 50-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे बंद हो सकता है – जो कि दिसंबर 2023 के बाद पहली बार होगा। यह संकेत करता है कि कीमतें और गिर सकती हैं और बाजार में मंदी का रुख बन सकता है।
16 से 20 मई: कीमतों के लिए निर्णायक समय
एक्सिस सेक्रेट्री की रिपोर्ट बताती है कि 16 मई से 20 मई के बीच का समय सोने की कीमतों के लिए निर्णायक हो सकता है। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना 3,136 डॉलर प्रति औंस के सपोर्ट से नीचे फिसलता है, तो यह गिरावट 2,875 डॉलर तक भी जा सकती है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार में दिखेगा, जहां कीमतें घटकर 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात से प्रभावित हो रहा है सोना
सोने की कीमतों में गिरावट के पीछे वैश्विक आर्थिक संकेतों की भी अहम भूमिका है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की संभावना फिलहाल कम नजर आ रही है। इसके साथ ही बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और वैश्विक व्यापार तनावों में कमी के कारण निवेशकों का रुझान अब सोने से हटकर अन्य साधनों की ओर बढ़ रहा है।
तकनीकी दबाव में सोना: डबल-टॉप सपोर्ट टूटा
एग्रीमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोने ने 3,200 डॉलर का डबल-टॉप सपोर्ट तोड़ दिया है, जो तकनीकी रूप से इसके और गिरने के संकेत देता है। यदि यही रुझान जारी रहा तो भारतीय बाजार में सोना 87,000 से 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म निवेशक इसे एक सुनहरा मौका मान रहे हैं।
घरेलू बाजार का विश्लेषण: सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तर
भारत में सोने को 92,000 रुपये पर सपोर्ट और 94,000 रुपये पर रेजिस्टेंस मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार फिलहाल सीमित दायरे में है लेकिन गिरावट का दबाव स्पष्ट है। यदि यह दबाव बना रहता है, तो निकट भविष्य में कीमतें और नीचे आ सकती हैं।
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए अच्छी खबर
हालांकि शॉर्ट टर्म में बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोने की बुनियादी मजबूती बनी रहेगी। अगर वैश्विक हालात तेजी से सुधरते हैं और निवेशक जोखिम से मुक्त विकल्पों की ओर जाते हैं, तो सोना 3000–3050 डॉलर प्रति औंस के दायरे में पहुंच सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह: जोखिम और अवसर का संतुलन रखें
विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि बाजार अस्थिर है और गिरावट की आशंका बनी हुई है। वहीं, लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह समय खरीदारी का अवसर हो सकता है। निवेशकों को चाहिए कि वे फेड की नीतियों, डॉलर इंडेक्स और तकनीकी संकेतों पर नजर रखें और जल्दबाजी में कोई फैसला न लें।
सोने की कीमतों में तेज़ गिरावट की आशंका ने निवेशकों को अलर्ट कर दिया है। हालांकि, यह गिरावट एक तरफ शॉर्ट टर्म जोखिम लेकर आई है, वहीं लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक मौका भी साबित हो सकती है। सही रणनीति और जागरूकता के साथ निवेश कर इस गिरते बाजार में भी फायदा कमाया जा सकता है।