✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर/श्रीगंगानगर, 24 मई 2025 (शनिवार)।
राजस्थान में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। श्रीगंगानगर जिले की सूरतगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायत मोकलसर के सरपंच गणेशाराम गोदारा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। सरपंच पर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि स्वीकृत करवाने की एवज में 12 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसमें से 10 हजार रुपये लेते समय उसे पकड़ लिया गया।
शिकायत के बाद रची गई ट्रैप कार्रवाई
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि हनुमानगढ़ ACB चौकी को शिकायत मिली थी कि सरपंच गणेशाराम गोदारा, परिवादी के पिता के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृति दिलवाने के बदले 12 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने कार्रवाई की योजना बनाई।
DIG के सुपरविजन में हुई गिरफ्तारी
इस ट्रैप कार्रवाई को पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री राजेश सिंह के सुपरविजन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुधा पालावत के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। पुलिस निरीक्षक श्री राजेन्द्र सिंह ने टीम के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से सरपंच गणेशाराम गोदारा को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ और आगे की कार्रवाई जारी
ACB अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है और मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच जारी है। ACB ने स्पष्ट किया कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
राज्यभर में ACB की सक्रियता बढ़ी
हाल के दिनों में राजस्थान में ACB की सक्रियता बढ़ी है और ग्राम पंचायतों से लेकर शहरी निकायों तक भ्रष्टाचार के मामलों पर तेजी से शिकंजा कसा जा रहा है। आज की यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि सरकार और ACB ग्रामीण स्तर पर भी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे जनकल्याणकारी योजना में भ्रष्टाचार की इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि स्थानीय निकायों में पारदर्शिता की सख्त जरूरत है। ACB की यह कार्रवाई न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी एक सख्त संदेश है।