✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 24 मई 2025।
देशभर में झुलसाती गर्मी से बेहाल लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 24 घंटों के भीतर केरल के तट पर पहुंच सकता है। खास बात यह है कि मानसून इस बार अपने तय समय से लगभग एक हफ्ता पहले केरल में दस्तक देने जा रहा है। इससे पहले ऐसी स्थिति वर्ष 2009 और 2001 में देखी गई थी, जब मानसून ने 23 मई को ही दस्तक दी थी।
मानसून की जल्दी दस्तक: 16 वर्षों बाद अनोखी स्थिति
आमतौर पर मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून मानी जाती है, लेकिन इस बार मौसम में बदलाव के चलते यह मई के अंतिम सप्ताह में ही दस्तक दे सकता है। 1918 में सबसे जल्दी मानसून 11 मई को केरल पहुंचा था, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इस साल भी मानसून की तेज़ रफ्तार और अनुकूल परिस्थितियों के कारण यह रिकॉर्ड लगभग टूटने की कगार पर है।
IMD ने जताई अनुकूल परिस्थिति की संभावना
IMD ने बताया कि अगले 2 से 3 दिनों में दक्षिण अरब सागर, केरल और उससे सटे क्षेत्रों में मानसून के आगमन के लिए सभी मौसमी परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। समुद्र के तापमान, हवाओं की दिशा और दबाव प्रणाली के अनुसार, मानसून के अगले 24 घंटों में केरल पहुंचने की पूरी संभावना है।
इस साल होगी सामान्य से अधिक बारिश, फसलों को मिलेगा लाभ
मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई है, जो किसानों और जल स्रोतों के लिए अच्छी खबर है। मानसून का समय पर और अधिक वर्षा के साथ आना खरीफ की फसलों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा। इससे न केवल फसल की सिंचाई में मदद मिलेगी, बल्कि भूजल स्तर और जलाशयों का पुनर्भरण भी तेजी से होगा।
गर्मी से राहत की उम्मीद
उत्तर भारत सहित देश के कई हिस्सों में लू और भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं। केरल से मानसून के प्रवेश के साथ ही जल्द ही दक्षिण भारत से लेकर पश्चिमी और मध्य भारत तक धीरे-धीरे राहत मिलने लगेगी। जून के पहले सप्ताह से राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी मानसून के पहुंचने की संभावना है।
मानसून का कृषि, अर्थव्यवस्था और आम जनजीवन पर प्रभाव
भारत में मानसून का सीधा संबंध न केवल खेती-बाड़ी से है, बल्कि अर्थव्यवस्था और आम जनजीवन पर भी इसका गहरा असर पड़ता है। सिंचाई, पेयजल, बिजली उत्पादन, और खाद्य आपूर्ति जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मानसून की भूमिका अहम होती है। इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश के पूर्वानुमान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है।
मानसून की समय से पहले दस्तक निश्चित रूप से देशवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। इस वर्ष बारिश का ज्यादा होना जल संकट से जूझ रहे इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें अगले 24 घंटों पर टिकी हैं, जब मानसून केरल में कदम रखेगा और देशभर में हरियाली और ठंडक की सौगात लेकर आएगा।