✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
तारीख: 05 जून, गुरुवार 2025-26
जयपुर / सोजत
जयपुर: राजस्थान में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री करने वाले लोगों, कोर्ट और रजिस्ट्री विभाग से जुड़े अफसरों के लिए सरकार ने एक बड़ा सख्त आदेश जारी किया है। अब यदि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेन-देन सामने आता है, तो उसकी जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य होगा। यह सख्त निर्देश राज्य सरकार ने 29 मई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद एक नए सर्कुलर के जरिए जारी किया है।
सरकार के इस कदम को कालेधन पर शिकंजा कसने और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। नकद लेन-देन करने पर न सिर्फ खरीददार और विक्रेता पर कार्रवाई होगी, बल्कि संबंधित कोर्ट और रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी भी सजा के दायरे में आएंगे।
क्या है नया आदेश:
- अब 2 लाख या उससे अधिक नकद लेन-देन का मामला सामने आने पर कोर्ट, संस्था या रजिस्ट्रार को अनिवार्य रूप से आयकर विभाग को रिपोर्ट करना होगा।
- यह नियम संपत्ति पंजीकरण, अदालती प्रक्रिया और अन्य वित्तीय मामलों पर भी लागू होगा।
- इस आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 269ST के तहत जितनी राशि नकद में ली जाएगी, उतना ही जुर्माना लगाया जाएगा।
- नकद लेन-देन की जानकारी छिपाने पर अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और मामला सीधे मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा।
स्टाम्प ड्यूटी और डिजिटल भुगतान पर जोर:
राजस्थान सरकार ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि अब बिना वैध स्टाम्प शुल्क के कोई भी प्रॉपर्टी दस्तावेज पंजीकृत नहीं किया जाएगा। स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान के लिए निम्न डिजिटल विकल्प दिए गए हैं:
- ई-स्टाम्प (e-Stamp)
- डिमांड ड्राफ्ट
- ई-जीआरएएस (E-GRAS)
इन विकल्पों से लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को नकद प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा।
कैसे होगी कार्रवाई और किसे बचना चाहिए:
- यदि कोई वकील, जज या पंजीकरण अधिकारी नकद भुगतान की जानकारी छिपाता है, तो सख्त जांच का सामना करना पड़ेगा।
- संपत्ति खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को सलाह दी गई है कि वे कोई भी भुगतान बैंकिंग चैनल (NEFT/RTGS/चेक आदि) से ही करें।
- इस आदेश से दलालों और ब्लैक मनी का खेल करने वालों पर भी लगाम लगेगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य:
सरकार का यह नया कदम कालेधन पर लगाम लगाने, सरकारी राजस्व की सही वसूली, और नागरिकों को प्रॉपर्टी लेनदेन में धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है। इससे अदालतों और रजिस्ट्री कार्यालयों में लेनदेन की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और सरकारी तंत्र की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
यह सर्कुलर सिर्फ एक सरकारी आदेश नहीं, बल्कि राजस्थान के प्रॉपर्टी बाजार में बड़े बदलाव की शुरुआत है। आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अब गलती पर सिर्फ विक्रेता या खरीदार नहीं, बल्कि जिम्मेदार अधिकारी भी चपेट में आएंगे।
📝 खास सलाह:
अगर आप प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री कर रहे हैं, तो कोई भी लेन-देन नकद न करें। पूरी प्रक्रिया को बैंकिंग माध्यम से पारदर्शी ढंग से पूरा करें, अन्यथा भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
📍 सोजत, राजस्थान