सोजत में पेंशनर्स समाज का विरोध प्रदर्शन
पेंशनर समाज ने पीएम के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
सोजत। राजस्थान पेंशनर समाज शाखा सोजत ने केंद्र सरकार के नए विधेयक का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम मर्सिगाराम जांगिड़ के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। पेंशनर समाज अध्यक्ष लालचंद मोयल के नेतृत्व में पेंशनर्स नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए एसडीएम आफिस पहुंचे और अपना ज्ञापन सौंपा।नए विधेयक के तहत केंद्र सरकार को पूर्व और वर्तमान पेंशनरों में भेदभाव करने का अधिकार मिल गया है। पेंशनर समाज का कहना है कि ये सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन है। साथ ही यह सातवें वेतन आयोग द्वारा स्थापित समानता को भी समाप्त करता है। ज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट के 1980 के डीएस नाकरा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले का उल्लेख किया गया। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि पेंशन सामाजिक न्याय का माध्यम है। ये उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपना जीवन देश सेवा में लगाया। पेंशनर समाज ने सवाल उठाया है कि क्या महंगाई और रुपए की गिरावट का प्रभाव केवल एक निश्चित तिथि के बाद रिटायर हुए लोगों पर ही पड़ता है। पेंशनर समाज का कहना है कि 1 जनवरी 2006 से पहले और बाद के पेंशनरों को मिली समानता को अब संसद में बहुमत के आधार पर समाप्त करना न्यायिक परंपरा के विरुद्ध है।अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स फेडरेशन के आह्वान पर समाज ने प्रधानमंत्री से इस मामले में पुनर्विचार की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पूर्व पेंशनरों को मौजूदा सुविधाओं से वंचित न होना पड़े। इस अवसर पर पेंशनर समाज अध्यक्ष लालचंद मोयल, पूर्व खेल अधिकारी सत्तुसिंह भाटी, फौजी अशोक सेन, सन्नी अब्राहिम, मदनलाल चौहान, डॉक्टर रशीद गोरी, ईश्वरदास पुरूषवाणी, जुगल किशोर दवे, पारस सिंगाड़िया, सुरेश ओझा, हीरालाल आर्य, प्रभु सिंह, लक्ष्मणराम, केवलचन्द प्रजापत, नारायणलाल, नरेन्द्र कुमार आदि कई पेंशनर्स उपस्थित थे।

