
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश), 2 जुलाई 2025 — मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिला अस्पताल परिसर के भीतर दिनदहाड़े नर्सिंग की छात्रा की गला रेतकर हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान संध्या चौधरी के रूप में हुई है, जो अस्पताल में नर्सिंग प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी। यह पूरी घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी और लोगों के मोबाइल कैमरे में कैद हो गई, जिसका LIVE वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
🔪 एकतरफा प्यार में सनकी आशिक बना हैवान
हत्या का आरोपी अभिषेक कोष्ठी बताया जा रहा है, जो संध्या से एकतरफा प्यार करता था। जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले अस्पताल परिसर में वह अचानक संध्या के पास पहुंचा, उससे बहस करने लगा और फिर एक धारदार चाकू से उसका गला काट डाला। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि संध्या चीखती रही, लहूलुहान होकर ज़मीन पर गिर पड़ी लेकिन वहां मौजूद किसी ने भी उसे बचाने की कोशिश नहीं की।
🏥 अस्पताल में अफरा-तफरी, लेकिन मदद को कोई नहीं आया
इस दर्दनाक दृश्य के दौरान अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ, मरीज और तीमारदार मौजूद थे, लेकिन किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई। सब कुछ कैमरे में कैद होता रहा और संध्या की सांसे वहीं थम गईं। यह दृश्य देखकर रूह कांप जाती है कि कैसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की संवेदनाएं खत्म हो गईं और तमाशबीन बनकर एक जान जाते हुए सबने देखा।
👮 पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना के तुरंत बाद सूचना मिलने पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपी अभिषेक को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से स्थिर है और पूरी योजना के साथ संध्या की हत्या की थी।
📹 LIVE वीडियो से उठे कई सवाल
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या अस्पताल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे? वहां मौजूद गार्ड, स्टाफ और डॉक्टरों ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया? क्या भीड़ की संवेदनहीनता अब सामान्य होती जा रही है?
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, न्याय की मांग
मृतका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन या वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने समय रहते दखल दिया होता, तो संध्या की जान बच सकती थी।
👉 यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता का आईना है
यह हादसा हमें एक गहरे सवाल के सामने खड़ा करता है — क्या हम इतने निष्ठुर हो चुके हैं कि एक लड़की की गर्दन कटती रहे और हम सिर्फ तमाशा देखें? अगर भीड़ में से एक भी व्यक्ति सामने आ जाता, तो शायद संध्या आज ज़िंदा होती।
इस घटना से प्रदेशभर में आक्रोश है। महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठे हैं। क्या अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं रहीं?
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
🕯️ श्रद्धांजलि संध्या चौधरी को – एक होनहार छात्रा जिसे समाज की खामोशी ने निगल लिया…