सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर/सोजत, 12 नवंबर – राज्य सरकार ने पशुपालकों की सुविधा और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट सेवाओं और बीएफआईएल (भारत फाइनेंसियल इंक्लूजन लिमिटेड) द्वारा संचालित कॉल सेंटर को अत्यावश्यक सेवाओं की श्रेणी में शामिल किया है। सरकार के इस फैसले से पशुपालकों को उनके द्वार पर आपातकालीन पशु चिकित्सा सेवाएं सुलभ हो सकेंगी।
गृह (ग्रुप-9) विभाग की संयुक्त शासन सचिव पूजा पार्थ के अनुसार, यह सेवाएं 8 नवंबर 2024 से अगले 6 माह के लिए अत्यावश्यक घोषित की गई हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि इन सेवाओं में हड़ताल होती है, तो इससे पशुपालकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उनकी आजीविका का महत्वपूर्ण हिस्सा पशुधन पर निर्भर करता है।
राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम, 1970 के तहत यह निर्णय लिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस अवधि के दौरान किसी भी तरह की सेवा रुकावट या हड़ताल न हो। सरकार का यह कदम उन आपातकालीन स्थितियों में सहायक साबित होगा, जब पशुओं को त्वरित चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है।
पशुपालक समुदाय ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे उनके पशुओं की बेहतर देखभाल के लिए एक सकारात्मक कदम माना है। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य में पशुपालकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें, जिससे उनकी परेशानी कम हो और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित हो।