सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली: यदि आपकी आय टैक्स भरने के योग्य है, लेकिन आप टैक्स नहीं भर रहे हैं, तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। पहले जहां ऐसा लगता था कि सरकार किसी को पकड़ नहीं पाएगी, अब आयकर विभाग ने सख्ती बरतते हुए पिछले 20 महीनों में उन लोगों से 37,000 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिन्होंने अपनी आय छिपाई थी और टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा था। यह वसूली तकनीकी और डिजिटल टूल्स का उपयोग करके की गई है, जिससे विभाग ने बड़ी आसानी से उन लोगों को पकड़ लिया है, जो टैक्स चोरी कर रहे थे।
कैसे पकड़े गए टैक्स चोर?
आयकर विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। डिजिटल डेटा का विश्लेषण करने से यह पता लगाना अब कोई मुश्किल काम नहीं रहा। जिन लोगों ने महंगे गहने, लग्ज़री प्रॉपर्टी खरीदी, या लग्ज़री वेकेशन पर पैसा खर्च किया, मगर टैक्स रिटर्न में अपनी आय कम दिखाई, उन्हें विभाग ने अपनी जांच के दायरे में लिया। आयकर विभाग ने 2019-20 के बाद से ऐसे लेन-देन का गहराई से विश्लेषण किया और पाया कि कई लोग अपनी आय से अधिक खर्च कर रहे थे, लेकिन टैक्स रिटर्न में वह जानकारी छिपा रहे थे।
डिजिटल डेटा का प्रभाव
आयकर विभाग ने रिपोर्ट किया है कि उसने ऐसे लोगों से 1,320 करोड़ रुपये वसूले हैं जिन्होंने बड़े लेन-देन किए थे, लेकिन अपने टैक्स रिटर्न में इसे रिपोर्ट नहीं किया। विभाग ने यह भी कहा कि अब वे उन लोगों पर खास ध्यान दे रहे हैं जो महंगे गहने, फाइव स्टार होटलों में ठहरने और अन्य लग्ज़री खर्चों का भुगतान तो कर रहे हैं, लेकिन अपनी आय को कम दिखा रहे हैं। इस डिजिटल वर्ल्ड में ऐसे लोगों को पकड़ने में अब कोई मुश्किल नहीं है, क्योंकि विभाग के पास हर लेन-देन का डेटा मौजूद है।
बड़े लेन-देन का खुलासा
आयकर विभाग ने बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र किया और बड़ी खरीदारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने अब तक करीब 37,000 करोड़ रुपये की वसूली की है, जो कि टैक्स चोरी करने वालों से निकाली गई है। इन लोगों ने अपनी वास्तविक आय को कम दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश की थी, लेकिन अब आयकर विभाग ने इन्हें पकड़ लिया है।
आयकर विभाग की सक्रियता
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विभाग अब किसी को भी नहीं छोड़ने वाला है। पहले से ज्यादा सक्रियता से काम करते हुए विभाग उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जो टैक्स चोरी में लिप्त हैं। विभाग के अधिकारी का कहना था, “हमने उन लोगों से टैक्स वसूला है, जिन्होंने बड़े लेन-देन किए थे लेकिन अपनी आय को छुपाया था। इससे साफ है कि अब टैक्स चोरी करना आसान नहीं होगा।”
क्यों जरूरी है टैक्स भरना?
अब यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आयकर विभाग केवल बड़े लेन-देन और खर्चों के आधार पर टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ रहा है। ऐसे लोगों के लिए अब टैक्स भरने से बचना मुश्किल हो जाएगा। अगर आपकी आय टैक्स भरने के दायरे में आती है, तो अब यह जरूरी हो गया है कि आप अपनी पूरी आय और खर्च का सही तरीके से विवरण आयकर विभाग के पास दें। आयकर विभाग की यह सक्रियता दिखाती है कि सरकार अब डिजिटल टूल्स का सही तरीके से इस्तेमाल कर रही है, ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके और सरकारी खजाने को नुकसान न हो।
टैक्स रिटर्न भरने की महत्ता
टैक्स रिटर्न भरने का महत्व बढ़ गया है, और यदि आप टैक्स चोरों में से नहीं होना चाहते हैं, तो अब समय आ गया है कि आप अपनी आय और खर्च का सही-सही विवरण आयकर विभाग को दें। इससे न केवल आपको कानूनी परेशानियों से बचने में मदद मिलेगी, बल्कि आप देश के विकास में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। आयकर विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि अब कोई भी टैक्स चोरी से बचकर नहीं जा सकेगा, और सभी लोगों को टैक्स भरने की जिम्मेदारी समझनी होगी।
आयकर विभाग की यह कड़ी कार्रवाई बताती है कि अब टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए टैक्स चोरी करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। विभाग ने 37,000 करोड़ रुपये की वसूली करके यह संदेश दिया है कि अगर आप टैक्स भरने के योग्य हैं, तो टैक्स चुकाना ही बेहतर है। अब समय आ गया है कि सभी नागरिक अपनी टैक्स जिम्मेदारी को समझें और अपनी आय के विवरण को सही तरीके से आयकर विभाग के पास दाखिल करें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई का सामना न करना पड़े।