राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज कांग्रेस के प्रदर्शन ने तनावपूर्ण माहौल बना दिया। राजभवन की ओर कूच कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प के दौरान हालात काफी गर्मा गए। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का सहारा लिया, जिससे प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने की कोशिश की गई। इस घटना में कई कार्यकर्ताओं के बेहोश होने की खबरें भी सामने आई हैं।

जयपुर में कांग्रेस का हल्लाबोल: राजभवन घेराव के दौरान पुलिस ने किया वॉटर कैनन का इस्तेमाल
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
कांग्रेस ने यह प्रदर्शन राज्य की विभिन्न समस्याओं और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में आयोजित किया था। पार्टी के नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार जनविरोधी नीतियां अपना रही है और राज्य सरकारों के अधिकारों का हनन कर रही है। प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य राजभवन का घेराव करना था, ताकि अपनी मांगों और नाराजगी को राज्यपाल के माध्यम से केंद्र तक पहुंचाया जा सके।
राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित किया और कहा कि यह आंदोलन जनता की आवाज बुलंद करने का प्रयास है। कांग्रेस का दावा है कि राज्यपाल केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए हैं।
झड़प और वॉटर कैनन का इस्तेमाल
प्रदर्शनकारियों के राजभवन की ओर बढ़ने के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स हटाने का प्रयास किया। इस दौरान धक्का-मुक्की और नारेबाजी तेज हो गई।
स्थिति बिगड़ते देख, पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल शुरू कर दिया। पानी की तेज धार ने प्रदर्शनकारियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पानी की तेज धार की चपेट में आकर जमीन पर गिर पड़े, और उनमें से कुछ के बेहोश होने की खबर है।
पुलिस का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उचित और न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया, जबकि कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर बलपूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया है।
कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “यह सरकार जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने अनावश्यक रूप से बल प्रयोग किया।”
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रदर्शन जनता के अधिकारों के लिए था, जिसे दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया जाएगा और कांग्रेस अपने उद्देश्यों से पीछे नहीं हटेगी।
पुलिस का पक्ष
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता थी। उन्होंने कहा, “हमने प्रदर्शनकारियों को पहले ही सूचित कर दिया था कि राजभवन की ओर कूच करना अवैध है। जब उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, तो हमें वॉटर कैनन का उपयोग करना पड़ा।” पुलिस ने इस घटना में किसी भी गंभीर चोट की बात से इनकार किया है।
स्थिति अब नियंत्रण में
घटना के बाद से ही जयपुर के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और राजभवन के आसपास के क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया है।
कांग्रेस कार्यकर्ता हालांकि शांत नहीं हुए हैं। पार्टी के नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।
जनता की प्रतिक्रिया
जयपुर के नागरिकों के बीच इस प्रदर्शन को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। जहां कांग्रेस समर्थक इसे जनता की आवाज बता रहे हैं, वहीं अन्य लोग इसे जनजीवन में बाधा मान रहे हैं। राजभवन के पास के इलाकों में ट्रैफिक जाम और असुविधा की शिकायतें भी आई हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा ने कांग्रेस के इस प्रदर्शन को राजनीतिक ड्रामा बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस अपनी आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले से खराब है और ऐसे प्रदर्शनों से जनता को और अधिक असुविधा हो रही है।
आगामी कदम
कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह अपने आंदोलन को और तेज करेगी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह प्रदर्शन उनकी मांगों का सिर्फ पहला चरण था। अब वे पूरे राजस्थान में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि वे किसी भी तरह की हिंसा या कानून-व्यवस्था भंग करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
निष्कर्ष
जयपुर में कांग्रेस का यह प्रदर्शन एक बार फिर यह साबित करता है कि राज्य में राजनीतिक माहौल कितना गर्म है। राजभवन घेराव के प्रयास और पुलिस की कार्रवाई ने इस मुद्दे को और अधिक तूल दे दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है और कांग्रेस अपने आंदोलन को किस हद तक ले जाती है।