राजस्थान के डूंगरपुर जिले में जल जीवन मिशन से जुड़ी एक बड़ी रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। जलदाय विभाग के एसई (सुपरीटेंडेंट इंजीनियर) अनिल कछवाहा को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। हालांकि, यह मामला केवल रिश्वत की रकम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एसीबी की छापेमारी में करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है।
छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा
एसीबी ने मंगलवार को डूंगरपुर में अनिल कछवाहा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। उसके बाद एसीबी की कोटा टीम ने कछवाहा के घर पर छापेमारी की, जो महावीर नगर, कोटा में स्थित था। यह छापेमारी रात 8 बजे से शुरू हुई और अगले दिन सुबह 8 बजे तक चली। घर के लॉकर से एसीबी को 9 लाख 22 हजार रुपये नकद बरामद हुए, जबकि अन्य दस्तावेजों से करीब 4 करोड़ 16 लाख रुपये की संपत्ति का पता चला।

Rajasthan News: जलदाय विभाग के रिश्वतखोर एसई के घर से खुलासा, 31 बैंकों में खाते, करोड़ों की संपत्ति का भंडाफोड़
31 बैंकों में खाते, करोड़ों की संपत्ति
आश्चर्यजनक रूप से, एसीबी को अनिल कछवाहा के 31 बैंकों में खाते मिले हैं, जिनकी जांच अभी चल रही है। माना जा रहा है कि इन बैंकों के खातों से और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। कछवाहा ने जिस तरह से अपनी संपत्ति छिपाई थी, उससे यह साफ हो गया है कि वह कई वर्षों से सरकारी विभाग में रहते हुए अपनी अवैध संपत्ति बढ़ाता रहा। एसीबी की जांच में कछवाहा के नाम पर चल और अचल संपत्तियों के कागजात भी मिले हैं, जिनमें कई भूमि और भवनों के दस्तावेज शामिल हैं।
जलदाय विभाग में भ्रष्टाचार की बड़ी गाथा
जलदाय विभाग में काम करने वाले कछवाहा ने अपने पद का गलत फायदा उठाया। वह जल जीवन मिशन के तहत काम करते हुए ठेकेदारों से रिश्वत लेने में सक्रिय था। कछवाहा के खिलाफ शिकायतें पहले भी आई थीं, लेकिन इस बार एसीबी की कार्रवाई ने उसकी पूरी करतूत को उजागर कर दिया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की गंभीर पहल को भी दर्शाती है।
एसीबी की कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप
एसीबी की इस कार्रवाई से जलदाय विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। विभाग के अंदर ऐसी भ्रष्टाचार की स्थितियां पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस बार एसीबी ने जिस तरह से बड़े खुलासे किए हैं, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है। एसीबी की टीम अब कछवाहा के बैंक खातों और संपत्ति के दस्तावेजों की जांच कर रही है, और यह संभव है कि और भी गड़बड़ियां सामने आएं।
भ्रष्टाचार पर कड़ी नज़र रखने की आवश्यकता
इस मामले ने राज्य सरकार के सामने भ्रष्टाचार पर कड़ी नज़र रखने की आवश्यकता को उजागर किया है। एक तरफ जहां राज्य में जल जीवन मिशन जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ अधिकारियों द्वारा ऐसे कार्यक्रमों का फायदा उठाकर अपनी अवैध संपत्ति बढ़ाने का यह मामला भ्रष्टाचार की गंभीरता को सामने लाता है।
अगले कदम
अब एसीबी ने अनिल कछवाहा के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति के मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। उसकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा, और उसके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया जाएगा। साथ ही, अन्य बैंकों के खातों की जांच के बाद और भी जानकारी सामने आ सकती है। एसीबी ने इस मामले को बड़ी प्राथमिकता दी है और अगले कुछ दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह मामला इस बात का संकेत है कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई लगातार तेज हो रही है और हर स्तर पर अधिकारी अपनी नीयत को साफ रखते हुए काम कर रहे हैं।