वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा, सोजत
राजस्थान में इस वर्ष बंपर बारिश ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत दी है। वर्षों से सूखा और गिरते भूजल स्तर से जूझ रहे राज्य में इस बार अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिला है। भूजल विभाग द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश जिलों में भूजल स्तर में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भूजल स्तर में बढ़ोतरी के आंकड़े
जयपुर: 4.64 मीटर की बढ़ोतरी
झुंझुनूं: 3.31 मीटर की वृद्धि
बांसवाड़ा व बारां: 6.68 मीटर तक सुधार
भीलवाड़ा: 10.89 मीटर का उछाल
बूंदी: 11.50 मीटर की बढ़त
चित्तौड़गढ़: 14 मीटर तक बढ़ोतरी
दौसा: 5.29 मीटर की बढ़त
डूंगरपुर: 9.96 मीटर तक सुधार
जालोर: 2.31 मीटर की वृद्धि
कोटा: 8.23 मीटर की बढ़ोतरी
नागौर: 0.48 मीटर (मामूली गिरावट)
पाली: -5.12 मीटर (गिरावट)
प्रतापगढ़: 9.96 मीटर की बढ़ोतरी
सिरोही: 5.36 मीटर का उछाल
उदयपुर: 5.78 मीटर की वृद्धि
जैसलमेर: 1.92 मीटर की बढ़त
पाली में गिरावट के बावजूद अन्य जिलों में खुशी का माहौल
पाली और नागौर जैसे कुछ इलाकों में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन राज्य के बाकी हिस्सों में हुए सुधार से उम्मीद की नई किरण जगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार प्रयास और जल संरक्षण उपायों से इन इलाकों में भी सुधार संभव है।
भविष्य की योजनाएं
भूजल विभाग ने इस सकारात्मक बदलाव को बनाए रखने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं, जिनमें जल संरक्षण के उपाय, वर्षा जल संग्रहण, और ग्रामीण इलाकों में तालाबों की मरम्मत जैसी योजनाएं शामिल हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया
भूजल स्तर में इस अभूतपूर्व वृद्धि से किसानों और आम नागरिकों में खुशी की लहर है। जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में अब बेहतर खेती और पेयजल की उपलब्धता की उम्मीद जगी है।
राज्य सरकार और भूजल विभाग द्वारा किए गए प्रयासों ने साबित कर दिया है कि सही दिशा में काम करने से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। यह बढ़ोतरी प्रदेश के भविष्य के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है।