दिल्ली:
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। ईडी ने केजरीवाल को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया था और उनके खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

“शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने को LG की मंजूरी, AAP के लिए बढ़ी मुश्किलें”
ईडी का दावा: केजरीवाल और सिसोदिया ने बनाई साजिश
ईडी की जांच में यह आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2021-22 की आबकारी नीति में बदलाव करते हुए शराब लॉबी को फायदा पहुंचाया। इसके तहत दक्षिण लॉबी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी। जांच एजेंसी का दावा है कि इस रकम में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव के प्रचार में किया गया।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने मिलकर आबकारी नीति में बदलाव किए। एजेंसी ने यह भी कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी सरकारी पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एलजी की मंजूरी अनिवार्य थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ली गई अनुमति
ईडी ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी पद पर रहते हुए दर्ज किए गए मामलों में ट्रायल शुरू करने के लिए अनुमति जरूरी है। हालांकि, केजरीवाल के खिलाफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही दर्ज हो चुका था, लेकिन ट्रायल शुरू नहीं हुआ था। अब उपराज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद ईडी इस मामले को अदालत में आगे बढ़ा सकेगी।
चुनाव से पहले बड़ा झटका
यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए बेहद संवेदनशील समय पर सामने आया है। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। आम आदमी पार्टी पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। ऐसे में केजरीवाल के खिलाफ यह मामला पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकता है।
AAP ने बताया साजिश
आम आदमी पार्टी ने एलजी की मंजूरी और ईडी की कार्रवाई को बीजेपी की साजिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि बीजेपी आम आदमी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि शराब नीति के मामले में अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। जांच के दौरान 500 से ज्यादा लोगों को प्रताड़ित किया गया है।
राजनीतिक मोर्चे पर बढ़ा तनाव
शराब घोटाले का यह मामला दिल्ली की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है। जहां एक ओर बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बताया है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी इसे विपक्षी पार्टियों की साजिश करार दे रही है।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस मामले में अदालत का क्या रुख रहता है और इसका चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है। लेकिन इतना तय है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए यह मामला एक बड़ा राजनीतिक संकट बन सकता है।