साइबर अपराध पर डूंगरपुर पुलिस का सख्त कदम
राजस्थान के डूंगरपुर जिले में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन एंटीवायरस ने बड़ी सफलता हासिल की है। एसपी मोनिका सेन के निर्देशन में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत साइबर थाना पुलिस ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के सदस्य देशभर में “एस्कॉर्ट सर्विस” के नाम पर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 8 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 18 मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और एक कार बरामद की गई है।

साइबर ठगों पर पुलिस का शिकंजा: ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत 8 गिरफ्तार, फर्जी सिम और एटीएम बरामद
कैसे हुआ खुलासा?
साइबर थाने के थानाधिकारी गिरधारी सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ जिलेभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कोतवाली थाना क्षेत्र के भंडारिया गौशाला के पास कुछ युवक मोबाइल लेकर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं। सूचना मिलते ही साइबर थाने की टीम ने मौके पर छापा मारा।
जांच के दौरान 10 युवक मोबाइल पर चैटिंग करते हुए पाए गए। जब उनके मोबाइल और बातचीत की जांच की गई, तो पता चला कि वे “एस्कॉर्ट सर्विस” के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। ये ठग सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म्स के जरिए लोगों को लड़कियां उपलब्ध कराने का झांसा देकर उनसे बड़ी रकम ऐंठते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस ने मौके से 8 युवकों को गिरफ्तार किया, जबकि 2 नाबालिगों को डिटेन किया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:
- पंकज पाटीदार (निवासी: बड़ौदा आसपुर)
- दिलीप पाटीदार (निवासी: बड़ौदा आसपुर)
- दर्शील पुरी गोस्वामी (निवासी: जसपुर बड़ौदा)
- मनीष पाटीदार (निवासी: रायना बड़ौदा)
- रोहित पाटीदार (निवासी: जसपुर साबला)
- रमेश पाटीदार (निवासी: जसपुर साबला)
- नरेश पाटीदार (निवासी: रायना दोवड़ा)
- भरत पाटीदार (निवासी: रायना दोवड़ा)
बरामद सामान और ठगी का तरीका
पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, और एक कार जब्त की है। इन साइबर ठगों का काम करने का तरीका बेहद संगठित था। वे पहले सोशल मीडिया पर लोगों को “एस्कॉर्ट सर्विस” का झांसा देते थे। इसके बाद उनसे ऑनलाइन चैटिंग के जरिए संपर्क करते और लड़कियां उपलब्ध कराने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे।
साइबर पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
साइबर थाने के अधिकारियों ने बताया कि ये आरोपी बेहद शातिर हैं और तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम देते थे। गिरफ्तार युवकों से पूछताछ की जा रही है, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी किन-किन प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल कर रहे थे और उनके द्वारा ठगे गए लोगों की कुल संख्या कितनी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस गिरोह के तार अन्य राज्यों या बड़े साइबर अपराध संगठनों से जुड़े हुए हैं।
साइबर अपराध के खिलाफ सख्त कदम
एसपी मोनिका सेन ने ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत साइबर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य डूंगरपुर जिले को साइबर अपराध मुक्त बनाना है। पुलिस के इस प्रयास से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
डूंगरपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जाएं तो उन्हें पकड़ा जा सकता है। “एस्कॉर्ट सर्विस” के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह की गिरफ्तारी से यह भी साफ होता है कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं।
पुलिस की इस सफलता से न केवल डूंगरपुर जिले में बल्कि पूरे राज्य में साइबर अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऑपरेशन एंटीवायरस जैसे अभियानों की मदद से साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम जारी रहेगा।