डीग, राजस्थान: राजस्थान के डीग जिले के एक पहाड़ी इलाके से 10वीं क्लास की छात्रा का अपहरण हुए करीब 20 घंटे हो चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं लगी है। यह मामला खासा संवेदनशील बन चुका है, क्योंकि नाबालिग की शादी आटा-साटा प्रथा के तहत हुई थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को पकड़ने के लिए तीन विशेष टीमों का गठन किया है और जगह-जगह दबिश दी जा रही है, लेकिन अभी तक अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
नाबालिग का गणित का पेपर था आज:
नाबालिग के पिता ने बताया, “अभी तक हमारी बेटी का कोई पता नहीं चला है। पुलिस टीम लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अपहरणकर्ताओं की लोकेशन का कोई पता नहीं लग पाया। आज दोपहर 1 बजे मेरी बेटी का गणित का पेपर था, लेकिन वो परीक्षा देने नहीं पहुंची।” यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए चिंता का कारण बन गई है।

राजस्थान अपराध: 10वीं क्लास की छात्रा का अपहरण, 20 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली, आटा-साटा प्रथा के तहत हुई थी शादी
आटा-साटा प्रथा के तहत हुई नाबालिग की शादी:
पीड़िता के पिता का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी इसलिए करवाई थी, क्योंकि उनकी बेटी की शादी के बदले उनके मामा के लड़के की शादी होनी थी। हालांकि, शादी के बाद, लड़की के ससुराल वाले अपने वादे से मुकर गए और दहेज की मांग करने लगे। इसके बाद, लड़की के पिता ने अपनी बेटी को वापस अपने घर बुला लिया, और तब से वह अपने पिता के साथ रह रही थी और पढ़ाई कर रही थी।
एफआईआर और अपहरण की घटना:
लड़की के पिता ने पहाड़ी थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने बताया कि एक साल पहले उन्होंने अपनी 14 साल की बेटी की शादी गोपालगढ़ इलाके के एक युवक से करवाई थी। शादी के बाद लड़की के ससुराल वाले दहेज की मांग करने लगे, जिसके बाद उसे अपने घर वापस ले आए। लड़की के पिता ने बताया कि, “कुछ दिन पहले, जब बेटी स्कूल जा रही थी और अपनी अर्धवार्षिक परीक्षा देने के बाद स्कूल के गेट से बाहर आई, तो उसके ससुराल वालों ने उसे बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया।”
जब लड़की ने शोर मचाया, तो आस-पास के लोग उसे बचाने के लिए दौड़े, लेकिन आरोपियों ने हवा में फायरिंग शुरू कर दी और लड़की को अपनी कार में डालकर फरार हो गए। पुलिस ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तीन टीमों का गठन किया और आरोपियों के घरों पर दबिश दी, लेकिन अब तक लड़की का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
पुलिस की कार्रवाई:
डीएसपी गिर्राज मीणा ने मीडिया को बताया कि, “हमने नाबालिग को ढूंढने के लिए तीन टीमों का गठन किया है। इन टीमों ने आरोपियों के घरों और रिश्तेदारों के घरों पर दबिश दी है, लेकिन अभी तक लड़की का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उसे खोज लिया जाए।” DSP ने यह भी कहा कि नाबालिग की शादी आटा-साटा प्रथा के तहत हुई थी, और इस कारण मामला और भी जटिल हो गया है।
समाज पर पड़ता असर:
यह घटना राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में प्रचलित आटा-साटा जैसी प्रथाओं के खतरों को उजागर करती है। ऐसी प्रथाएँ जहां बच्चों और किशोरों के जीवन को एक सौदे के रूप में देखा जाता है, समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस प्रकार की प्रथाओं में लड़कियों की इच्छाओं और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि इन प्रथाओं पर कड़ा नियंत्रण होना चाहिए और इसके खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए।
कानूनी और सामाजिक पहलु:
नाबालिगों के अपहरण और उनकी शादी के मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद, ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, और क्षेत्रीय प्रशासन भी इस पर नजर बनाए हुए है।
लोगों की प्रतिक्रिया:
इस मामले ने स्थानीय लोगों और समाज के अन्य वर्गों में भी गहरी चिंता पैदा की है। ग्रामीण इलाकों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों से एकजुट होने की आवश्यकता है।