जयपुर: फ्लैट खरीदने-बेचने के नाम पर धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में पुलिस ने देवेंद्र सिंघल नामक एक शातिर व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। सिंघल के खिलाफ मुहाना थाने में लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 50 लाख रुपए की ठगी और बार-बार फ्लैट की रजिस्ट्री करने का आरोप लगाया गया। यह मामला केवल जयपुर ही नहीं, बल्कि देशभर में रियल एस्टेट क्षेत्र में हो रही धोखाधड़ी की एक और बानगी है।

जयपुर फ्लैट फ्रॉड: एक ही फ्लैट की कई बार रजिस्ट्री कर करोड़ों की ठगी, BMW से कचरा फेंकते समय नटवरलाल गिरफ्तार
BMW से कचरा फेंकते हुए गिरफ्तार
देवेंद्र सिंघल को जयपुर पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वह अपनी लग्जरी BMW कार से घर का कचरा फेंकने जा रहा था। पुलिस को लंबे समय से इस आरोपी की तलाश थी, जो बड़े आराम से अपनी जिंदगी जी रहा था। आरोपी के इस अंदाज ने पुलिस की कार्रवाई को सुर्खियों में ला दिया।
50 लाख रुपए की धोखाधड़ी
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब पीड़ित लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शर्मा ने बताया कि उन्होंने देवेंद्र सिंघल से एक फ्लैट खरीदा था, जो पहले ही तीन अन्य लोगों को बेचा जा चुका था। यह केवल एक व्यक्तिगत धोखाधड़ी नहीं थी, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।
चार बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से करोड़ों के लोन
जांच में यह सामने आया कि देवेंद्र सिंघल ने बेचे गए फ्लैट पर चार बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से करोड़ों रुपए का लोन ले रखा था। वह अपनी गैंग के सहयोग से एक ही फ्लैट की बार-बार रजिस्ट्री कराता था। इस रैकेट में अन्य सहयोगियों के नाम का भी इस्तेमाल होता था, जिससे कई लोग और संस्थाएं ठगी का शिकार हुईं।
पुलिस कार्रवाई और जांच
मुहाना थाने के एएसआई करण सिंह ने अपनी जांच में देवेंद्र सिंघल को दोषी पाया। पुलिस ने बताया कि देवेंद्र सिंघल ने जयपुर के साथ-साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य मेट्रो शहरों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है। जयपुर में हुई गिरफ्तारी के बाद कई पीड़ित थाने पहुंचे और अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें कुछ पुलिस अधिकारी भी शामिल थे, जो खुद इस घोटाले का शिकार हुए थे।
IPS अधिकारियों से संपर्क का फायदा
देवेंद्र सिंघल के बड़े पुलिस अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों के साथ संपर्क होने की बात भी सामने आई है। इन संपर्कों का फायदा उठाकर वह लंबे समय तक कानून से बचता रहा। पुलिस अब उसकी गतिविधियों और उसके सहयोगियों की गहन जांच कर रही है।
धोखाधड़ी का तरीका
देवेंद्र सिंघल का तरीका बेहद शातिर था। वह पहले किसी फ्लैट की रजिस्ट्री कराता और फिर उसे कई बार बेचता। खरीदार को यह नहीं पता होता था कि वह पहले से बेचे हुए फ्लैट को खरीद रहा है। इसके साथ ही वह उन्हीं फ्लैटों पर बैंक और फाइनेंस कंपनियों से लोन भी लेता।
पीड़ितों की लंबी कतार
देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद मुहाना थाने में पीड़ितों की लंबी कतार लग गई। लोग अपनी आपबीती सुनाने पहुंचे और इस घोटाले में हुए नुकसान की भरपाई की मांग की। पुलिस ने अब तक की जांच में देवेंद्र को एक बड़े धोखाधड़ी रैकेट का मास्टरमाइंड बताया है।