राजस्थान के बूंदी जिले के कंजर समाज से जुड़ा एक मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। दबलाना थाना क्षेत्र की शंकरपुरा कंजर कॉलोनी की एक युवती ने समाज की पारंपरिक बंदिशों और परिवार द्वारा किए गए बाल विवाह को नकारते हुए अपनी पसंद के युवक के साथ विवाह कर एक नई जिंदगी शुरू की है। युवती के इस साहसिक कदम ने न केवल समाज के नियमों को चुनौती दी, बल्कि अपने जीवन की दिशा खुद तय करने का एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

सामज की बंदिशों पर जड़ा ‘तमाचा’! परिवार ने करवाया था बाल विवाह, बालिग होने पर उठाया ये बड़ा कदम
घटना की पृष्ठभूमि
युवती का बचपन में ही बाल विवाह कर दिया गया था, जो कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी एक गंभीर सामाजिक समस्या बनी हुई है। परिवार ने समाज की परंपराओं का पालन करते हुए उसकी शादी करा दी थी, लेकिन जब युवती बालिग हुई, तो उसने अपने जीवन साथी को खुद चुनने का फैसला किया।
युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर नई जिंदगी बसाने का निर्णय लिया और विवाह कर लिया। इस कदम ने न केवल युवती के ससुराल वालों को नाराज किया, बल्कि उनके परिवार और समाज के अन्य लोगों में भी खलबली मचा दी।
ससुराल वालों का विरोध और धमकियां
युवती के ससुराल वालों ने इस कदम को अपनी प्रतिष्ठा पर हमला मानते हुए युवती के पति के परिवार को धमकियां देना शुरू कर दिया। पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है।
युवती के परिजनों ने पुलिस पर भी उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है। वहीं, युवती ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर न्याय की गुहार लगाई है। वीडियो में उसने पुलिस पर भी उसकी समस्या का समाधान न करने का आरोप लगाया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सदर थाना प्रभारी रमेश आर्य ने बताया कि युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज है। मामले की जांच की जा रही है और सभी पक्षों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
सामाजिक बदलाव की मिसाल
युवती का यह कदम कंजर समाज और अन्य ग्रामीण समाजों में व्याप्त रूढ़िवादी परंपराओं और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इस कदम ने कई सामाजिक और पारिवारिक विवादों को जन्म दिया है, लेकिन यह उन लड़कियों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ना चाहती हैं।
अन्य प्रमुख खबर: पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की समीक्षा बैठक आयोजित
बूंदी जिले में “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के तहत आदर्श सौर ग्राम चयन और इसकी समीक्षा के लिए जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने की।
इस योजना के तहत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन का प्रावधान है। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना के तहत लंबित आवेदनों पर जल्द कार्रवाई करें, ताकि जिले के नागरिकों को इस योजना का समय पर लाभ मिल सके।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि “पीएम कुसुम योजना” के तहत किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप उपलब्ध कराने के लिए आधिकारिक आवेदन प्रक्रिया तेज की जाए। उन्होंने इस योजना को जिले में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए।