✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
बारामूला बना भूकंप का केंद्र, लोगों में मची अफरा-तफरी
शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह भूकंप रात 9:06 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से 10 किलोमीटर नीचे था। अचानक धरती के डोलने से इलाके के लोग दहशत में आ गए और कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन बनती है। प्लेट्स के टकराने और ऊर्जा के बाहर निकलने से भूकंप उत्पन्न होता है। बारामूला का इलाका भी ऐसे ही फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जो इसे भूकंपीय गतिविधियों के लिए संवेदनशील बनाता है।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब
भूकंप का केंद्र (एपीसेंटर) वह स्थान होता है, जहां प्लेटों के हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। केंद्र के पास भूकंप की तीव्रता सबसे अधिक होती है और जैसे-जैसे यह स्थानों से दूर होती जाती है, प्रभाव कम हो जाता है।
अगर भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक होती है, तो यह व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि भूकंप की ऊर्जा किस दिशा में केंद्रित होती है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे 1 से 9 तक के पैमाने पर मापा जाता है। यह स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता का आकलन करता है।
जम्मू-कश्मीर के लिए चेतावनी और सावधानियां
हालांकि रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता का भूकंप सामान्य माना जाता है और इससे बड़े नुकसान की संभावना कम होती है, फिर भी लोग सतर्क रहें। सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें।