✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
कोल्हापुर, महाराष्ट्र: अक्सर सड़क के गड्ढे लोगों के लिए जानलेवा साबित होते हैं, लेकिन कोल्हापुर में यह गड्ढे एक चमत्कार की वजह बन गए। कस्बा बावड़ा के 80 वर्षीय पांडुरंग तात्या को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन गड्ढे से टकराई एंबुलेंस में उनके शरीर में हलचल शुरू हुई और वे जीवित हो गए।

घटना
15 दिन पहले पांडुरंग तात्या हरिनाम का जाप करते हुए अचानक बेहोश हो गए थे। परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उनका इलाज चल रहा था। 1 जनवरी को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार ने यह सूचना गांव में दी, और अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गईं।
बुजुर्ग को एंबुलेंस से उनके घर ले जाया जा रहा था। रास्ते में एंबुलेंस सड़क पर गहरे गड्ढे से टकराई। अचानक, तात्या के शरीर में हलचल महसूस हुई। परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस रोकी और डॉक्टरों को सूचित किया।
अस्पताल में लौटे जीवित तात्या
जब परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। जो व्यक्ति कुछ देर पहले मृत घोषित हो चुका था, वह अब चलता-फिरता अस्पताल में दाखिल हो रहा था। डॉक्टरों ने उनकी जांच की और पाया कि उनका दिल फिर से धड़क रहा है।
चमत्कार या भगवान की कृपा?
परिजनों का कहना है कि यह भगवान पांडुरंग की कृपा है। तात्या ने पिछले कई वर्षों से हरिनाम जाप और भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया है। उनकी इस पुनर्जीवित घटना को लेकर पूरे इलाके में चर्चा है।
लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के लोग इस घटना को नए साल का चमत्कार मान रहे हैं। पांडुरंग तात्या को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया। उनके जीवित होने की खबर से पूरा गांव उत्साहित है।
विशेषज्ञों की राय
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना “लाजारस सिंड्रोम” का मामला हो सकता है, जिसमें दिल रुकने के बाद कुछ समय के लिए पुन: शुरू हो जाता है। हालांकि, यह दुर्लभ घटनाओं में से एक है।
यह घटना न केवल विज्ञान और आस्था के बीच के संबंधों पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कभी-कभी अद्भुत घटनाएं मानव कल्पना से परे होती हैं।