खटीमा अभिव्यक्ति कार्यशाला का दूसरा दिन
कवि बनने के लिए बच्चों का हुआ साक्षात्कार बच्चों ने खेलों में की मस्ती
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
खटीमा (ऊधमसिंहनगर)। उत्तराखंड बाल कल्याण एवं साहित्य संस्थान खटीमा, बालप्रहरी/बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति ऊधमसिंहनगर के संयुक्त तत्वावधान में राणा प्रताप इंटर कालेज खटीमा में 1 जनवरी से आयोजित बच्चों की 5 दिवसीय अभिव्यक्ति कार्यशाला के दूसरे दिन कार्यशाला को संबोधित करते हुए खटीमा के खंड शिक्षा अधिकारी भानुप्रताप कुशवाहा ने कहा कि विज्ञान के आज के युग में भी हमारे समाज में कई अंधविश्वास व कुरीतियां व्याप्त है। इसके लिए बच्चों के मन में बचपन से ही वैज्ञानिक सोच जाग्रत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे घर में सुबह से शाम तक हमारी माताएं व बहिनें विज्ञान के प्रयोग करती हैं। किंतु बच्चे विज्ञान विषय को प्रयोगशाला का विषय समझकर विज्ञान से दूरी बनाते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान बहुत ही सरल व रोचक है। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमें तर्कसम्मत क्या क्यों तथा कैसे जैसे सवालों पर तर्क वितर्क करने का अवसर देता है।
कार्यषाला की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई। आज अध्यक्ष मंडल में शिव, परी आशीष, अंशिका, मनीष, रजनी, पिंकी, नीलम, रागिनी को शामिल किया गया। आज संपन्न शब्द लेखन प्रतियोगिता, गिनती लिखो प्रतियोगिता, पहाड़ा लिखो प्रतियोगिता व खेल प्रतियोगिता में विराज, शुभम, संजना, आदित्य योग्यता, निधि, युवराज, महिमा को पुरस्कार में बालसाहित्य दिया गया। आज बच्चों को नेताजी की खोज, तोता कहता है, जैसा में कहूं, कितने भाई कितने, कितना बड़ा पहाड़, पिज्जा हट खेल कराए गए।
आज बच्चों को निबंध लेखन की बारीकियां सिखाई गई। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने निबंध लेखन की जानकारी देते हुए कहा कि निबंध साहित्य की वह विधा है जिसके लेखन में कोई बंधन नहीं होता है। उन्होंने कहा नि का आशय नहीं तथा बंध का आशय बंधन से होता है। ‘पुस्तक’ विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि पुस्तक पर निबंध लिखा जाएगा तो सबसे पहले पुस्तक की पृष्ठभूमि यानी जब पुस्तक नहीं थी। उसके बाद पुस्तक के आकार प्रकार, पुस्तक के भाग , पुस्तक की उपयोगिता यानी लाभ या हानि और अंत में उपसंहार लिखा जाएगा।
उत्तराखंड बाल कल्याण एवं साहित्य संस्थान के अध्यक्ष तथा राजकीय हाईस्कूल बीरिया मझोला के प्रधानाचर्य डॉ. महेंद्रप्रताप पांडे के निर्देशन में बच्चों ने फूल, बादल, हमारा खटीमा, भोजन की बरबादी, बेटी बचाओ आदि विषयों पर कविताएं तैयार की। बच्चों ने पहले दिए हुए शब्दों के आधार पर कविता तैयार की। बाद में दिए हुए शब्दों के आधार पर कविता तैयार की। बाल कवि सम्मेलन के लिए अधिक कवि होने के कारण आयोजकों ने इच्छुक कवियों से नृत्य कराया। डॉ. महेंद्रप्रताप पांडे के अनुसार बच्चों में आत्मविश्वास जाग्रत करने के लिए नृत्य गतिविधि कराई गई। आज बच्चों को बाल कवि सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक, समूह गीत तथा झोड़ा आदि समूहों में कार्य कराया गया।
आज बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरा स्कूल, मेरी दिनचर्या, एक दिन की बात है तथा चुटकुले आदि तैयार किए। बच्चों ने समूह में दीवार पत्रिका भी तैयार की। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला, डॉ. महेंद्रप्रताप पांडे ‘नंद’, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के जिला सचिव नरेंद्र रौतेला, त्रिलोचन जोशी, हरिओम पारखी,वंदना राना, शीतल राना, मंजू ततराड़ी, सुनीता वर्मा, वंदना भारती, शवेता पाठक, ट्विंकल दत्ता, राम रतन यादव, अभिषेक कुमार, निर्मला गहतोड़ी, जीनत अख्तर, श्वेता पाठक, विजय दक्षिणी आदि ने अलग-अलग समूह में संदर्भदाता बतौर बच्चों का मार्गदर्शन किया। राणा प्रताप इंटर कालेज के प्रबंधक जीत राम बंसल व प्रधानाचार्य रवींद्र प्रकाश पंत ने बच्चों को गैर शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने की अपील करते हुए रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाने को कहा। राणा प्रताप इंटर कालेज की ओर से सभी 150 बच्चों को दिन का भोजन कराया गया। पहले दिन का नाश्ता व स्टेशनरी की व्यवस्था लाईंस क्लब खटीमा की ओर से की गई।
कार्यशाला में खटीमा के 19 विद्यालयों के 150 बच्चों ने सहभागिता की। गुरुनानक इंटर कालेज तपेड़ा (नानकमत्ता) के बच्चों ने प्रधानाचार्य वंदना भारती के साथ प्रतिभाग किया।
जिला प्रशासन ने शीत लहर को देखते हुए जिले के सारे स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। इस कारण इस वर्ष कार्यशाला को दूसरे दिन ही समाप्त करना पड़ा।