अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हश मनी मामले में फंसे हुए हैं। यह मामला उनके राष्ट्रपति पद के लिए 2024 के चुनावों के दौरान एक बड़े विवाद का कारण बना था। ट्रंप पर 2023 में इस मामले में आरोप लगाए गए और तब से न्यूयॉर्क की अदालत में उनकी सुनवाई चल रही है। जज जुआन मर्चेन ने अब 10 जनवरी 2025 को इस मामले में सज़ा सुनाने की तारीख तय की है। इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है।

शपथ से 10 दिन पहले ट्रंप की सज़ा का ऐलान: क्या जेल की सज़ा से बच पाएंगे?
क्या है हश मनी मामला?
हश मनी मामले की शुरुआत 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुई थी। पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने आरोप लगाया था कि 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान उनकी और ट्रंप की मुलाकात हुई थी। उनके बीच शारीरिक संबंध बने, जिसकी चर्चा रोकने के लिए ट्रंप ने उन्हें चुप रहने के बदले 1,30,000 डॉलर्स दिए थे। यह राशि स्टॉर्मी डेनियल्स को ट्रंप के वकील माइकल कोहेन के माध्यम से दी गई थी। स्टॉर्मी ने इस घटना का खुलासा 2018 में अपनी किताब में किया, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा।
डोनाल्ड ट्रंप पर लगे आरोप और सुनवाई
2023 में न्यूयॉर्क की अदालत ने ट्रंप को इस मामले में आरोपी करार दिया। आरोप था कि उन्होंने स्टॉर्मी डेनियल्स को भुगतान कर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की। अभियोजन पक्ष का दावा है कि ट्रंप ने यह धनराशि अपने चुनावी फंड से दी थी, जो अमेरिकी कानून का उल्लंघन है।
ट्रंप और उनके वकीलों ने इस सज़ा को खारिज करने की कोशिश की, लेकिन जज मर्चेन ने इसे बरकरार रखा। उन्होंने अपने 18 पन्नों के निर्णय में स्पष्ट किया कि ट्रंप के खिलाफ ज्यूरी ने सही तरीके से कार्रवाई की है और उन पर लगाए गए आरोप पर्याप्त प्रमाणों पर आधारित हैं।
10 जनवरी को सज़ा पर फैसला
न्यूयॉर्क की अदालत के जज जुआन मर्चेन ने घोषणा की है कि ट्रंप को 10 जनवरी को हश मनी मामले में सज़ा सुनाई जाएगी। इस दिन ट्रंप व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल रूप से अदालत में उपस्थित हो सकते हैं। यह फैसला ट्रंप के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि यह उनके शपथ ग्रहण समारोह से महज 10 दिन पहले होने जा रहा है। ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।
क्या ट्रंप जाएंगे जेल?
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रंप जेल जाएंगे। जज मर्चेन ने अपने फैसले में कहा है कि वह ट्रंप को जेल की सज़ा देने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप को पूरी तरह सज़ा से मुक्त करना उचित नहीं होगा। इसका अर्थ है कि ट्रंप को जुर्माना, प्रोबेशन या अन्य सज़ा का सामना करना पड़ सकता है।
पहले अपराधी राष्ट्रपति बनेंगे ट्रंप
हश मनी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है। यह स्थिति उनकी राजनीतिक छवि के लिए एक बड़ी चुनौती है। अगर ट्रंप को जेल की सज़ा नहीं मिलती, तो भी वह 20 जनवरी को एक दोषी राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे।
राजनीतिक और कानूनी प्रभाव
ट्रंप के खिलाफ इस मामले का फैसला अमेरिकी राजनीति में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह फैसला न केवल उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि अमेरिकी चुनाव प्रणाली और राष्ट्रपति पद की गरिमा पर भी सवाल उठाएगा।