✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। आगामी पंचायत चुनावों को लेकर पंचायती राज विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्यभर में वार्ड निर्धारण का नया फॉर्मूला लागू कर दिया है। इस नए सर्कुलर के अनुसार पंचायत समिति और ग्राम पंचायत स्तर पर वार्डों की संख्या अब क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार तय की जाएगी। राज्य सरकार ने इसे लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व को संतुलित और समान बनाने की दिशा में अहम कदम बताया है।
📑 नया फॉर्मूला क्या कहता है?
पंचायत समिति स्तर:
- 1 लाख आबादी वाली पंचायत समिति में अब 15 वार्ड होंगे।
- हर अतिरिक्त 15,000 की आबादी पर 2 नए वार्ड जोड़े जाएंगे।
(उदाहरण: यदि किसी पंचायत समिति की जनसंख्या 1.30 लाख है, तो वहां 15 + 4 = 19 वार्ड होंगे)
ग्राम पंचायत स्तर:
- 3000 की आबादी पर 7 वार्ड तय किए गए हैं।
- इसके बाद हर 1000 की जनसंख्या वृद्धि पर 2 अतिरिक्त वार्ड बनाए जाएंगे।
(उदाहरण: 5000 की आबादी वाली ग्राम पंचायत में 7 + 4 = 11 वार्ड होंगे)
🔍 क्यों किया गया बदलाव?
राज्य सरकार के अनुसार, अब तक कई पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में असमान जनसंख्या वाले वार्ड थे, जिससे जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और सेवा क्षेत्र में असंतुलन उत्पन्न हो रहा था। नया फॉर्मूला समान जनसंख्या प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा और चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।
🏡 गांव-गांव में शुरू हुआ मंथन
नए सर्कुलर के बाद सभी जिला और ब्लॉक स्तर के पंचायती राज अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में जनसंख्या के नवीनतम आंकड़ों के आधार पर वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करें।
इसके चलते गांवों में सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पूर्व सरपंचों, भावी उम्मीदवारों और ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
कब लागू होगा यह फॉर्मूला?
यह फॉर्मूला आगामी पंचायत चुनावों में प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। इसके तहत अब नए परिसीमन के आधार पर ही वार्डों का निर्धारण, आरक्षण और नामांकन प्रक्रिया होगी।
⚖️ निष्कर्ष:
राज्य सरकार का यह फैसला जहां स्थानीय स्वशासन को सशक्त करने का प्रयास है, वहीं इससे ग्रामीण राजनीति में नई रणनीतियां और समीकरण भी बनते नजर आ रहे हैं।
जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आएंगे, यह वार्ड निर्धारण फॉर्मूला गांव की राजनीति का प्रमुख मुद्दा बनने वाला है।
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