राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। पेपर लीक की घटनाओं और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर दायर याचिकाओं पर राजस्थान हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ कैलाश चंद्र शर्मा और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर फैसला सुनाएगी। यह मामला राज्य के लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है, जो इस परीक्षा के जरिए पुलिस विभाग में शामिल होने का सपना देख रहे थे।

राजस्थान SI परीक्षा रद्द होगी या नहीं? हाईकोर्ट आज करेगा फैसला
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए क्योंकि पेपर लीक की पुष्टि हो चुकी है। उनका कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी, और ऐसी परीक्षा को जारी रखना योग्य नहीं है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हरेंद्र नील कोर्ट में पक्ष रखेंगे।
SOG की जांच और रिपोर्ट
पेपर लीक मामले की जांच राजस्थान पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा की गई थी। SOG ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि परीक्षा आयोजन में कई अनियमितताएं थीं।
- रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) परीक्षा प्रक्रिया पर उचित नियंत्रण नहीं रख पाया।
- परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने की घटनाओं की पुष्टि हुई।
- आयोग के परीक्षा आयोजन के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए गए।
SOG ने यह सिफारिश की है कि परीक्षा को रद्द कर दिया जाए ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।
फील्ड ट्रेनिंग पर विवाद
याचिका में एक अन्य मुद्दा ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने का है। राज्य सरकार के इस फैसले को भी चुनौती दी गई है।
- जेल से रिहा होने के बाद ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग के लिए विभिन्न जिलों में भेजा गया।
- इस निर्णय को याचिकाकर्ताओं ने अनुचित ठहराते हुए कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों को फील्ड ट्रेनिंग देना पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है।
अब तक का घटनाक्रम
- हिरासत और निलंबन:
पेपर लीक मामले में SOG ने 45 से अधिक ट्रेनी एसआई को हिरासत में लिया था। इनमें से कई को जमानत पर रिहा किया गया है। रिहा होने के बाद भी इन पर विभागीय कार्रवाई जारी है।- 5 जनवरी को 9 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया।
- 3 जनवरी को 11 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड किया गया।
- अब तक कुल 20 ट्रेनी एसआई निलंबित किए जा चुके हैं।
- प्रभावित जिलों के अधिकारी:
निलंबित एसआई जयपुर, कोटा, और उदयपुर जैसे महत्वपूर्ण रेंज में तैनात थे।
RPSC की भूमिका पर सवाल
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की भूमिका भी विवादों के घेरे में है।
- आयोग पर आरोप है कि वह परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में नाकाम रहा।
- परीक्षा प्रक्रिया के दौरान पेपर लीक जैसी घटनाएं परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं।
अभ्यर्थियों की उम्मीदें और कोर्ट का फैसला
इस मामले में लाखों अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले पर नजर गड़ाए हुए हैं। परीक्षा को रद्द करने की स्थिति में नई प्रक्रिया शुरू करनी होगी, जिससे चयनित और प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं, परीक्षा को जारी रखने की स्थिति में सरकार और RPSC को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
क्या कहती है सरकार?
राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में अपना पक्ष हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। सरकार को यह साबित करना होगा कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रही।
आज का फैसला क्यों अहम?
- पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट का फैसला यह तय करेगा कि परीक्षा को रद्द किया जाएगा या नहीं।
- ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने के फैसले की वैधता भी कोर्ट में तय होगी।
- यह फैसला राज्य में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी प्रभावित करेगा।