राजस्थान में एक बार फिर से प्रशासनिक सुधार के तहत पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार ने अब पंचायतों के कार्यक्षेत्र और सीमाओं के पुनर्व्यवस्थित करने के लिए नई मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया है, जो इस पर विस्तृत विचार करेगी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

राजस्थान में नक्शे में बड़ा बदलाव: भजनलाल सरकार ने शुरू की पंचायतों के पुनर्गठन की तैयारी
मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन
राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के लिए एक नई सब कमेटी बनाई है। इस कमेटी का नेतृत्व शिक्षा मंत्री मदन दिलावर करेंगे, और इसमें चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह सदस्य के रूप में शामिल होंगे। कमेटी की पहली बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी, जिसमें पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा और सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद, मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
पंचायतों के नक्शे में बदलाव का उद्देश्य
राजस्थान सरकार का यह कदम पंचायत स्तर पर बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए है। पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत इस पुनर्गठन की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। इस कदम से ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के सीमाओं में बदलाव किया जाएगा, जिससे कार्यक्षेत्र को फिर से परिभाषित किया जा सकेगा। यह बदलाव प्रशासनिक कार्यों में सुधार करने में मदद करेगा और पंचायतों को मजबूती प्रदान करेगा।
पंचायतों का स्थानांतरण और कार्यक्षेत्र में बदलाव
पुनर्गठन के दौरान, कुछ ग्राम पंचायतों को एक पंचायत समिति से दूसरी में स्थानांतरित किया जा सकता है। इससे पंचायतों के कार्यक्षेत्र में बदलाव होगा और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को भी बढ़ाएगा, क्योंकि नए पुनर्गठन से सरकार और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा।
पंचायती राज चुनाव की तिथि की घोषणा की प्रतीक्षा
राजस्थान में पंचायत चुनाव की तिथि की अभी तक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी, क्योंकि राज्य के अधिकांश पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में सरकार इन पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर सकती है। इसके बाद ही पंचायती राज चुनाव के लिए तिथि की घोषणा की जाएगी।