✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

पाली। केंद्र सरकार की एनएफएसएम (नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन) ऑयल सीट योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय शुष्क क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, कादरी, पाली में किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न गांवों की महिला कृषकों ने भाग लिया और आधुनिक कृषि तकनीकों व सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकों से अवगत कराने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इसमें दीनवास, बिलावास, गागुड़ा, सोजत रोड, रेंदड़ी, शिया, सोजत सिटी और धाकड़ी जैसे गांवों की कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
विशेषज्ञों और अधिकारियों की उपस्थिति:
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विशेषज्ञ और अधिकारी:
- अनिल कुमार शुक्ला, वैज्ञानिक
- वेंकटेश सई, वैज्ञानिक
- राजश्री श्रीमाली, कृषि अधिकारी, सोजत सिटी
- सीमा कुड़ी, कृषि पर्यवेक्षक
इन विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, फसल प्रबंधन और सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रमुख विषयों पर चर्चा:
- तारबंदी और खेतलाई योजना का महत्व
- पाइपलाइन और फवारा सिंचाई प्रणाली का उपयोग
- सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई की सुविधा
- नींबू बगीचों और अन्य फलों की देखभाल के उपाय
- सरकारी उद्यान और कृषि योजनाओं का लाभ
महिलाओं के अनुभव और लाभ:
प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्होंने खेती को अधिक लाभदायक और सरल बनाने के नए तरीकों को सीखा। वैज्ञानिकों ने उन्हें फसल की सुरक्षा, उर्वरक उपयोग, जल संरक्षण और उत्पादन बढ़ाने की तकनीकों की जानकारी दी।
आधुनिक तकनीकों से समृद्ध कृषि का संदेश
वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण के दौरान उन्नत उपकरणों और तकनीकों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि सही तरीके और तकनीक अपनाकर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के समापन पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने महिलाओं को योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने और सीख को अपने क्षेत्रों में लागू करने की अपील की। महिला कृषकों ने भी कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताया और कृषि विभाग का आभार व्यक्त किया।
यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल महिलाओं के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुआ, बल्कि उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और कृषि में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने में भी सफल रहा।
