✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

अयोध्या। भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की आज पहली वर्षगांठ है। 22 जनवरी 2024 को रामलला को उनके नवनिर्मित मंदिर में विराजमान किया गया था। इस ऐतिहासिक क्षण की पहली वर्षगांठ को अयोध्या में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिर को 50 क्विंटल से भी अधिक फूलों से सजाया गया है।
महाकुंभ और वर्षगांठ के मद्देनजर विशेष सजावट
महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए इस बार मंदिर परिसर और आसपास की सड़कों को भी विशेष रूप से सजाया गया है। पेड़ों पर झालर लाइट लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पूरा क्षेत्र रात में रोशनी से जगमगाता नजर आएगा।
प्राण प्रतिष्ठा की तिथि का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को की गई थी। यह तिथि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी 2024 को पड़ी थी। इस साल यह तिथि 11 जनवरी को पड़ी, लेकिन आज ग्रेगोरियन कैलेंडर के आधार पर वर्षगांठ मनाई जा रही है।
एक साल पहले का ऐतिहासिक क्षण
पिछले साल इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई थी। इस आयोजन में देश-विदेश की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुई थीं। उस समय अयोध्या में भव्य उत्सव का आयोजन हुआ था, जिसमें लाखों श्रद्धालु सम्मिलित हुए थे।
विशेष आयोजन और भव्यता का नजारा
आज की वर्षगांठ पर भी अयोध्या में भव्य आयोजन किए गए हैं। मंदिर परिसर में विशेष पूजन और हवन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर दर्शन के समय को भी बढ़ा दिया गया है। रामलला के दर्शन के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
अयोध्या में उल्लास का माहौल
पूरी अयोध्या इस समय उत्सव के माहौल में डूबी हुई है। मंदिर के आसपास की गलियां और मुख्य मार्ग आकर्षक सजावट से सुसज्जित हैं। श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य मान रहे हैं।
राम मंदिर की पहली वर्षगांठ न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। यह आयोजन हिंदू धर्म और संस्कृति की दिव्यता और गौरव को और भी उजागर करता है।