नाबालिग बहन से दरिंदगी कर उसे गर्भवती करने के मामले में पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 3 में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान के बाद जज ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

पाली: नाबालिग से रेप किया, चचेरे भाई को 10 साल की सज, 7 महीनों तक दरिंदगी कर प्रेग्नेंट किया, जन्मे बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपा
पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 3 के विशिष्ट लोक अभियोजक कुलदीप सिंह सोनगरा ने बताया- 24 जुलाई 2024 को पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन थाने में पीड़िता अपने काका के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंची थी। बताया- उसके माता-पिता की मौत के बाद वह अपने चचेरे भाई के साथ रहती थी। घर में अकेला देख कर उसके 26 वर्षीय चचेरे भाई ने डरा-धमका कर उसके साथ दरिंदगी की।
पेट दर्द की शिकायत होने पर पहुंची रिश्तेदार के पास एक दिन पेट दर्द होने की शिकायत पर उसने अपने चचेरे भाई को दवा लाने के लिए बोला, लेकिन वह कई घंटों बाद भी वह नहीं आया। इस पर वह घर से निकली और अपने रिश्तेदार के यहां गई। पेट दर्द और उल्टियां होने पर उन्होंने नाबालिग पीड़िता को मारवाड़ जंक्शन हॉस्पिटल में चेक करवाया। वहां पता चला कि नाबालिग को 7 माह का गर्भ है।
जानकारी सामने आते ही रिश्तेदारों ने पीड़िता से पूछताछ की। पीड़िता ने बताया कि उसके चचेरे भाई ने उसके साथ पिछले करीब सात महीने में कई बार डरा-धमका कर दरिंदगी की। जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट पर मामला दर्जकर आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
मामले में पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या 3 के जज अनवर अहमद चौहान ने 21 जनवरी 2025 को फैसला सुनाया। जिसमें पीड़िता के रिश्ते के चचेरे भाई को नाबालिग से रेप का दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म
अपने ही चचेरे भाई के कारण गर्भवती हुई नाबालिग पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया। पीड़िता के माता-पिता का देहांत हो चुका है और वह खुद भी रिश्तेदारों के यहां रहती है। ऐसे में बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया।