ब्राजील के मेले में ऐतिहासिक बोली, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली। भारतीय नस्ल की गायों की कद्र पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में ब्राजील के मिनास गेरैस में लगे पशु मेले में देखने को मिला, जहां भारतीय नस्ल की एक गाय वियाटिना-19 को 40 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड तोड़ बोली पर बेचा गया। यह किसी भी गाय के लिए अब तक की सबसे ऊंची कीमत है, जिसके चलते इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है।
क्यों इतनी महंगी बिकी यह गाय?
वियाटिना-19 भारतीय मूल की नेल्लोर नस्ल की गाय है, जो भारत में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पाई जाती है। यह नस्ल अपनी मजबूत कद-काठी, असाधारण जीन, और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। इस गाय का वजन 1101 किलो है, जो इस नस्ल की अन्य गायों की तुलना में लगभग दोगुना है। इसके अलावा, इसकी अनूठी शारीरिक बनावट और आकर्षक संरचना के चलते इसने “मिस साउथ अमेरिका” का टाइटल भी जीता था।
ब्राजील में भारतीय नस्ल की गायों की बढ़ती लोकप्रियता
ब्राजील में भारतीय नस्ल की गायों की मांग लगातार बढ़ रही है। वहां पर गिर, साहीवाल, और नेल्लोर नस्ल की गायें भारी संख्या में पाली जा रही हैं। ब्राजील के किसान इन नस्लों को अधिक दुग्ध उत्पादन और कठोर जलवायु में जीवित रहने की क्षमता के कारण पसंद कर रहे हैं।
खरीदार कौन है?
इस ऐतिहासिक बोली को लगाने वाले ग्राहक का नाम अभी उजागर नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक यह गाय एक प्रसिद्ध डेयरी व्यवसायी ने खरीदी है, जो उच्च गुणवत्ता वाले मवेशियों की तलाश में थे।
गायों की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
भारतीय नस्ल की गायों की कीमतें कई कारणों से बढ़ रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
✔ शुद्ध नस्ल और उत्तम अनुवांशिक गुण
✔ बेहतर दूध उत्पादन क्षमता
✔ रोगों से लड़ने की ताकत
✔ अच्छी गुणवत्ता वाले बछड़े पैदा करने की क्षमता
भारतीय नस्ल की गायों का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
वियाटिना-19 की बिक्री यह साबित करती है कि भारतीय नस्ल की गायें दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। इससे पहले भी कई बार भारतीय नस्ल की गायें ऊंची कीमतों पर बिकी हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी गाय के लिए इतनी बड़ी रकम अदा की गई है।
क्या भारत में भी बढ़ेंगी ऐसी गायों की कीमतें?
इस खबर के बाद भारत में भी शुद्ध नस्ल की गायों की मांग और कीमतों में इजाफा होने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि भारतीय किसान भी अपनी गायों की नस्ल सुधारने पर ध्यान दें, तो वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमतें प्राप्त कर सकते हैं।
वियाटिना-19 की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय नस्ल की गायें वैश्विक स्तर पर भी कीमती हैं। यह घटना भारत के पशुपालन उद्योग के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे अपनी शुद्ध नस्ल की गायों को संरक्षित और प्रचारित करें, जिससे भारतीय किसानों को भी इसका लाभ मिल सके।