नई दिल्ली | वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त देते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। दिल्ली की जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया था, जिसका परिणाम यह ऐतिहासिक जीत है।
भाजपा की जबरदस्त बढ़त, आप को बड़ा झटका
इस चुनाव में भाजपा ने 70 में से 46 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 24 सीटें मिलीं। वहीं, कांग्रेस इस बार भी खाता खोलने में नाकाम रही और उसका सफाया हो गया। यह लगातार तीसरी बार हुआ है जब कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।
दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ
भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है और अब वह दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी करने जा रही है। इससे पहले 1993 में भाजपा की सरकार बनी थी, जिसके बाद कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी। लेकिन इस बार भाजपा ने जनता का भरोसा जीतते हुए शानदार प्रदर्शन किया।
अरविंद केजरीवाल की हार, आप के लिए बड़ा झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा से पीछे चल रहे हैं। यह नतीजा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि केजरीवाल खुद इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
इसके अलावा, आप के कई वरिष्ठ नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है:
- मनीष सिसोदिया – तिहाड़ जेल में बंद होने के कारण चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उनकी सीट भाजपा ने जीत ली।
- अतिशी मार्लेना – कालकाजी सीट से भाजपा की भारती सिंह से हार गईं।
- सौरभ भारद्वाज – ग्रेटर कैलाश सीट से भाजपा के बृजेश गोयल से हार गए।
भाजपा कार्यालय में जश्न का माहौल, पीएम मोदी करेंगे संबोधन
भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 7 बजे पार्टी कार्यालय में विजयी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। भाजपा की इस जीत को मोदी लहर और केंद्रीय योजनाओं की सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस का लगातार तीसरी बार सफाया, भविष्य पर सवाल
कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा। पार्टी लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा में खाता खोलने में नाकाम रही। इससे पार्टी के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
भाजपा की जीत के कारण
भाजपा की इस प्रचंड जीत के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं:
- मोदी लहर और केंद्र की नीतियां – फ्री राशन, उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं ने जनता पर गहरा प्रभाव डाला।
- केजरीवाल सरकार के खिलाफ नाराजगी – शराब नीति घोटाला और कानून-व्यवस्था को लेकर जनता में असंतोष था।
- सीएए, शाहीन बाग और राम मंदिर का असर – भाजपा ने इन मुद्दों को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- बाहरी राज्यों से भाजपा को समर्थन – उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।
भविष्य की राजनीति: क्या होगा आगे?
अब जब भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है, तो अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा होगी। संभावित नामों में मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा और गौतम गंभीर का नाम सबसे आगे चल रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे ऐतिहासिक रहे। भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ 27 साल बाद सत्ता में वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। कांग्रेस का फिर से सफाया हो गया, जिससे उसकी राजनीति पर गंभीर असर पड़ा है। अब सभी की निगाहें भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे और नई सरकार की प्राथमिकताओं पर रहेंगी।