✍️.पत्रकार अकरम खान कि रिपोर्ट
आज की रात, जिसे शब ए बरात कहा जाता है, मुस्लिम धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस रात को इबादत की रात माना जाता है, जब मुस्लिम समुदाय अपने गुनाहों की तौबा करता है और अल्लाह से माफी की प्रार्थना करता है। शब ए बरात को इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने, शाबान, की 14वीं रात को मनाया जाता है।
इस विशेष रात में मुस्लिम समुदाय के लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाते हैं और उनके लिए दुआ करते हैं। वे कब्रों पर फूल चढ़ाते हैं और इत्र की खुशबू अर्पित करते हैं, ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले।
इसके अलावा, शब ए बरात के दौरान मुस्लिम परिवार अपने घरों में पकवान बनाते हैं और अपने और अपने परिवार के लिए दुआ करते हुए अपने मरुहुम बुर्जुगों के लिए ‘ फातिहा ख्वानी’ करते हैं। यह रात विशेष रूप से दुआ और तौबा का समय होता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय अपने परिवार, मित्रों और मुल्क के लिए अल्लाह से नेक और शांति की दुआ करता है।
शब ए बरात का महत्व मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत अधिक है, क्योंकि यह उन्हें अपने गुनाहों के लिए पश्चाताप करने का और अपने रिश्तों में शांति लाने का एक अहम अवसर प्रदान करता है।