✍️.वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा के साथ अकरम खान कि रिपोर्ट।
सोजत। मुस्लिम समाज के लिए शब-ए-बरात एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण रात मानी जाती है। यह रात इबादत, तौबा, और अल्लाह से माफी मांगने के लिए होती है। इस रात को मुस्लिम समुदाय अपने गुनाहों से तौबा करते हैं और अपनी अच्छी और स्वस्थ जिंदगी के लिए दुआ करते हैं। इस्लाम में इस रात का महत्व विशेष महत्व बताया गया है।
सोजत के बड़े कब्रिस्तान में कल पूरे दिन भर मेले जैसा माहौल रहा। शहर के मुस्लिम समुदाय के लोग अपने बुजुर्गों की कब्रों पर पहुंचे और उनके लिए मगफिरत की दुआ की। इस दौरान लोग कब्रों पर फूल चढ़ाते हुए और ईत्र की खुशबू अर्पित करते हुए अपने परिवार के दिवंगत सदस्यों के लिए दुआ करते रहे। यह एक ऐसा पल था, जब लोग अपने मरहुम पूर्वजों को श्रद्धा और सम्मान से याद कर उनके लिए दुआएँ करते नजर आए।
रात के समय, सोजत कि सभी मस्जिदों में विशेष नमाज का आयोजन किया गया। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग जमा हुए और न सिर्फ अपनी बल्कि अपने परिवार, समाज, और क्षेत्र के लिए भी दुआएं मांगी। इस विशेष रात में इबादत और दुआओं का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। मस्जिदों में रौशनी कि गयी और कुछ जगहो पर इबादत के लिए आने वालो के लिए चाय और खिर कि भी व्यवस्था थी।
शब-ए-बरात की रात में किए गए इन इबादतों का उद्देश्य न केवल गुनाहों से माफी प्राप्त करना होता है, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए भी दुआ करना होता है।
शब-ए-बरात के अवसर पर ऐसा माहौल बनता है जहाँ हर मोमिन अपने से दिल से अल्लाह से दुआ करता हुआ, अपने गुनाहों को माफ करने और अपने भविष्य के लिए बेहतर जीवन की कामना करता है।
सोजत सहित पुरे पाली जिले से जिसमे पाली, मारवाड़ जक्शन ,सोजत रोड़,बगड़ी,चण्डावल के मोमिनो ने इबादत और तौबा के लिए मस्जिदों का रूख किया।