पत्रकार अकरम खान कि रिपोर्ट।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर गंभीर कार्रवाई करते हुए बैंक के लेन-देन पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम बैंक की लोन देने की कार्यप्रणाली में अनियमितताओं के कारण उठाया गया है। रिजर्व बैंक का यह आदेश आते ही सैकड़ों खाताधारक परेशान हो गए, क्योंकि वे अपनी जमा राशि निकालने के लिए बैंकों की शाखाओं के बाहर जुटने लगे थे। इस आदेश से बैंक की मुंबई और ठाणे में स्थित लगभग 32 शाखाओं पर भारी भीड़ जमा हो गई है।
जमाकर्ताओं की परेशानी
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों को अपनी जमा राशि निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की राशि वापस लेने के लिए बैंक पहुंचे, लेकिन उन्हें यह बताया गया कि वे सिर्फ लॉकर से ही लेन-देन कर सकते हैं। इस कदम से उन ग्राहकों को भारी मानसिक तनाव हो रहा है जिनके करोड़ों रुपये बैंक में फंसे हुए हैं। कुछ खाताधारक तो अपने बच्चों की शादी या घर बनाने के लिए लंबे समय से पैसे जमा कर रहे थे, और अब उनके सपने इस बैंक की अनियमितताओं के कारण खतरे में पड़ गए हैं।
सहकारी बैंकों और कोआपरेटिव सोसाइटीयो कि कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह ?
यह पहली बार नहीं है कि एक सहकारी बैंक पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया हो। इससे पहले भी सहारा और आदर्श जैसी कई बड़ी सहकारी समितियां लगभग बंद हो चुकी हैं, जिससे लाखों जमाकर्ताओं का पैसा लगभग डूबने कि कगार पर है। इन घटनाओं ने भारतीय सहकारी बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को गहरा धक्का पहुँचाया है और जमाकर्ताओं के मन में संदेह पैदा कर दिया है। लोग अब सहकारी बैंकों और सोसायटीयो में अपनी मेहनत की कमाई जमा करने से डरने लगे हैं, क्योंकि ऐसे मामलों में उनकी जमा राशि का लौटना अनिश्चित हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक का आदेश
आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में यह कदम उठाया है। बैंक पर वित्तीय स्थति जाँच के घेरे मे है, ग्राहकों को अब अपनी जमा राशि पर कोई लेन-देन करने की अनुमति नहीं है, सिवाय लॉकर से संबंधित गतिविधियों के। आरबीआई का यह आदेश रातों-रात जारी किया गया था, जिससे ग्राहकों में आशंका और गुस्से का माहौल बन गया है। कई लोग अपनी जमा राशि निकालने के लिए बैंक की शाखाओं के बाहर प्रदर्शन करने लगे हैं।