✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
मुंबई। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कारोबारी हितेश मेहता को हिरासत में लिया है। उन पर बैंक में 122 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले का गंभीर आरोप है। कई दिनों से चल रही जांच के बाद अंततः EOW की टीम ने मेहता को गिरफ्तार किया।
कैसे हुआ घोटाला?
EOW के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपये के हेरफेर का मामला सामने आया था। बैंक के उच्च अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों की मिलीभगत से यह घोटाला अंजाम दिया गया। जांच में पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर लोन स्वीकृत किए गए, जिनकी राशि बाद में गायब हो गई। इस घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में हितेश मेहता का नाम सामने आया।
EOW की जांच और कार्रवाई
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) पिछले कई महीनों से इस घोटाले की जांच कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक, हितेश मेहता से कई बार पूछताछ की गई थी, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे। इसके बाद EOW ने उनके खिलाफ सबूत जुटाकर गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
हितेश मेहता पर लगे आरोप
- 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप: बैंक से फर्जी दस्तावेजों पर लोन लेकर धनराशि का दुरुपयोग किया गया।
- फर्जी कंपनियों के नाम पर लोन स्वीकृत: जिन कंपनियों के नाम पर लोन लिया गया, वे अस्तित्व में ही नहीं थीं।
- बैंक के आंतरिक अधिकारियों की मिलीभगत: शुरुआती जांच में बैंक के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
क्या बोले जांच अधिकारी?
EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारी टीम ने कई महीनों की जांच के बाद पुख्ता सबूतों के आधार पर हितेश मेहता को हिरासत में लिया है। जल्द ही अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।”
आगे की जांच और संभावित गिरफ्तारियां
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं। बैंक के अन्य अधिकारियों और घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इस मामले में जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।
बैंक घोटाले से ग्राहकों में चिंता
इस घोटाले के खुलासे के बाद बैंक के ग्राहकों में चिंता बढ़ गई है। निवेशकों और खाताधारकों को डर है कि उनकी जमा पूंजी पर असर पड़ सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि बैंक के सभी खाताधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में हितेश मेहता की गिरफ्तारी इस मामले में बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि EOW इस घोटाले के अन्य आरोपियों तक कैसे पहुंचती है और आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।