महिला नेतृत्व का नया दौर: कौन सी पार्टी ने दिया ज्यादा अवसर?
भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। अब महिलाएं सिर्फ निर्णायक मतदाता ही नहीं, बल्कि सत्ता संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। दिल्ली में रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह बहस और तेज हो गई है कि देश में अब तक किस पार्टी ने सबसे ज्यादा महिला मुख्यमंत्री बनाए हैं और किसका कार्यकाल सबसे प्रभावी रहा है।

देश में अब तक किस पार्टी की महिला बनी सबसे ज्यादा CM? किसका कार्यकाल रहा सबसे प्रभावी?
कांग्रेस बनाम भाजपा: किसने दिया ज्यादा महिला मुख्यमंत्रियों को मौका?
अगर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले अधिक महिला मुख्यमंत्री देश को दिए हैं। कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित, सुचेता कृपलानी, नंदिनी सत्पथी, राजिंदर कौर भट्टल, सईदा अनवरा तैमूर जैसी कई महिलाओं को नेतृत्व मिला। वहीं, भाजपा ने वसुंधरा राजे, आनंदीबेन पटेल, उमा भारती और सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया।
सबसे लंबा और प्रभावी कार्यकाल किसका?
अगर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली महिलाओं की बात करें, तो कांग्रेस की शीला दीक्षित सबसे आगे हैं। उन्होंने दिल्ली में 15 साल 25 दिन तक शासन किया। उनके बाद एआईएडीएमके की जयललिता 14 साल 124 दिन के कार्यकाल के साथ दूसरे नंबर पर रहीं। वहीं, ममता बनर्जी 13 साल 275 दिन से पश्चिम बंगाल की सत्ता संभाले हुए हैं और इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं। भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे ने 10 साल 9 दिन राजस्थान में शासन किया।
नाम | पार्टी | प्रदेश | कार्यकाल |
---|---|---|---|
शीला दीक्षित | कांग्रेस | दिल्ली | 15 साल 25 दिन |
जयललिता | AIADMK | तमिलनाडु | 14 साल 124 दिन |
ममता बनर्जी | तृणमूल कांग्रेस | पश्चिम बंगाल | 13 साल 275 दिन |
वसुंधरा राजे | भाजपा | राजस्थान | 10 साल 9 दिन |
मायावती | बसपा | उत्तर प्रदेश | 7 साल से अधिक |
राबड़ी देवी | राष्ट्रीय जनता दल | बिहार | 7 साल 5 महीने |
दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं रेखा गुप्ता
दिल्ली में महिला नेतृत्व की बात करें तो रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इससे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी दिल्ली की सत्ता संभाल चुकी हैं। रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर शीर्ष तक पहुंचा है। उनका नेतृत्व भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल बनेगा।
भविष्य में महिला नेतृत्व की संभावनाएं
महिला मुख्यमंत्री बनने का सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। जैसे-जैसे महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ रही है, वैसे-वैसे राज्यों में महिला नेतृत्व के नए आयाम खुलते जा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल महिलाओं को आगे लाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या महिला मुख्यमंत्री सिर्फ एक प्रतीकात्मक चेहरा बनकर रह जाएंगी, या उन्हें नीतिगत निर्णयों में भी अधिक स्वतंत्रता मिलेगी।