विशेष खबर ✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है, और भाजपा की पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। वे दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। रेखा गुप्ता ने दिल्ली में ही पढ़ाई की है, लेकिन उनका मूल निवास हरियाणा के जींद जिले में है। उनका परिवार जब वे मात्र दो साल की थीं, तब दिल्ली शिफ्ट हो गया था।
अब सवाल उठता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रेखा गुप्ता को कितनी सैलरी मिलेगी और उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी? साथ ही, दिल्ली विधानसभा के इतिहास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी नजर डालते हैं।
दिल्ली विधानसभा का इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य
1. दिल्ली विधानसभा का गठन कब हुआ था?
➤ दिल्ली विधानसभा का गठन 7 मार्च 1952 को पार्ट सी स्टेट्स एक्ट, 1951 के तहत हुआ था। उस समय विधानसभा में 48 सदस्य हुआ करते थे।
2. दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री कौन थे?
➤ दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव थे। वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे।
3. दिल्ली विधानसभा में कुल कितनी सीटें हैं?
➤ वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं।
4. दिल्ली विधानसभा भवन कब बना था?
➤ दिल्ली विधानसभा भवन मूल रूप से 1912 में बनाया गया था। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट ई. मोंटेग थॉमस ने इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए डिजाइन किया था। 1919 से 1927 तक यह भवन सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के रूप में भी उपयोग किया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की सैलरी और सुविधाएं
1. दिल्ली के मुख्यमंत्री को कितनी सैलरी मिलती है?
➤ दिल्ली के मुख्यमंत्री को वेतन और भत्तों समेत 1,70,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। दिल्ली उन राज्यों में से एक है जहां मुख्यमंत्री को सबसे अधिक वेतन मिलता है।
2. दिल्ली में विधायकों को कितनी सैलरी मिलती है?
➤ दिल्ली के विधायकों को वेतन और भत्तों समेत 90,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। वर्ष 2022 में विधायकों के वेतन में वृद्धि की गई थी।
3. मुख्यमंत्री को मिलने वाली सुविधाएं
➤ मुख्यमंत्री को सरकारी आवास, गाड़ी, सुरक्षा, यात्रा भत्ता, घरेलू सहायक और चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री को आधिकारिक दौरों पर यात्रा करने के लिए विशेष भत्ता भी दिया जाता है।
रेखा गुप्ता की नई जिम्मेदारियां
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने कई चुनौतियां होंगी, जिनमें दिल्ली की ट्रैफिक समस्या, प्रदूषण, जल संकट और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। अब देखना होगा कि वे इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाती हैं और उनकी सरकार किन नीतियों को प्राथमिकता देती है।