उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह स्थान न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां आने वाले भक्तों में आम लोगों के साथ-साथ बड़े उद्योगपति और टेक जगत की मशहूर हस्तियां भी शामिल हैं। एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने भी इस पवित्र स्थान पर आकर ध्यान साधना की थी और कठिन समय में संबल पाया था।

कैंची धाम: नीम करौली बाबा का दिव्य आश्रम, जहां एक बार जाने से बदल जाती है किस्मत
नीम करौली बाबा: हनुमान जी के अवतार
नीम करौली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। बाबा ने अपने जीवनकाल में अनेक चमत्कार किए, जिनकी कहानियां आज भी भक्तों के बीच प्रचलित हैं। समाधि के बाद भी उनकी दिव्य शक्ति के अनुभव भक्तों को होते रहते हैं, और इस पर कई किताबें भी लिखी गई हैं। उनके प्रति श्रद्धा रखने वाले भक्तों का मानना है कि कैंची धाम में की गई प्रार्थना और ध्यान से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
क्यों कहलाता है कैंची धाम?
कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि नीम करौली बाबा का आश्रम कैंची धाम क्यों कहलाता है? दरअसल, यह आश्रम दो पहाड़ियों के बीच स्थित है, और इन पहाड़ियों के बीच का रास्ता कैंची के आकार का दिखता है। इसी कारण इस स्थान का नाम ‘कैंची धाम’ पड़ा।
कैसे बनी इस धाम की स्थापना?
नीम करौली बाबा पहली बार 1961 में इस स्थान पर आए थे। इसके बाद उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर 15 जून 1964 को कैंची धाम की स्थापना की थी। यह स्थान बाबा की दिव्य शक्ति और चमत्कारों से प्रभावित श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थस्थल बन गया। 10 सितंबर 1973 को बाबा ने यहीं महासमाधि ली, और उनके अस्थि कलश को यहीं स्थापित कर दिया गया। समाधि के बाद इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।
भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
कैंची धाम को अत्यंत पवित्र और चमत्कारी स्थान माना जाता है। मान्यता है कि यहां श्रद्धा और भक्ति से प्रार्थना करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा यहां अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
विशेष चढ़ावा: कंबल अर्पण करने की परंपरा
कैंची धाम में नीम करौली बाबा को चढ़ावे में कंबल अर्पित किया जाता है। इसके पीछे मान्यता यह है कि बाबा अपने जीवनकाल में सदैव कंबल ओढ़े रहते थे। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त यहां मन्नत पूरी होने पर कंबल चढ़ाने आते हैं।
कैंची धाम में ध्यान और साधना का महत्व
यह स्थान शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। कैंची धाम को ध्यान और साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और दिव्यता मन को शांति प्रदान करती है। जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आता है, उसकी किस्मत बदल जाती है।
कैसे पहुंचे कैंची धाम?
कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह नैनीताल से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन या पंतनगर एयरपोर्ट तक आ सकते हैं, और वहां से टैक्सी द्वारा कैंची धाम पहुंच सकते हैं।