काव्य संध्या में जमा ख़ूब होली का रंग
हँसी -ठिठोली के बीच दिया सामाजिक सद्भावना का संदेश
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हर्ष बाँटता है सदा,होली का त्यौहार।
प्रेम व आनन्द में , डूब जाय संसार।।
-हलीम आईना

वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
कोटा 9मार्च 25.चम्बल साहित्य संगम, कोटा की ओर से होली के रंग, कवियों के संग काव्य संध्या का आयोजन महर्षि दधिची सभागार (कुन्हाडी, कोटा )में सम्पन्न हुआ।जिसमें कवियों ने रंगों के उत्सव को समर्पित कविताओं में विभिन्न रंगों को उकेरा तथा सामाजिक सद्भावना का संदेश दिया।होली को समर्पित बंटी सुमन दोहों के बाद सुरेश पण्डित ने हाडौती में फरड़ा सुनाकर माहौल को होली के रंगों से सराबोर कर दिया। रुप नारायण संजय व मयूर सोनी के बाद प्रसिद्ध गीतकार मुरलीधर गौड़ ने होली को समर्पित मधुर स्वर में गीत सुनाकर ख़ूब दाद बटोरी। कुशल संचालक हलीम आईना ने अपने दोहों, क्षणिकाओं और आधुनिक परिभाषाओं से ख़ूब हँसाया। अध्यक्षता कर रहे बद्री लाल दिव्य ने होली और पवित्र रमज़ान की मंगलकामनाएँ देते हुए होली गीत सुनाकर प्रशंसा पाई। अन्त में मुख्य अतिथि विश्वामित्र दाधीच ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए पिचकारी शीर्षक से श्रृंगार का सराहनीय गीत सुनाकर होली को समर्पित काव्य संध्या का शानदार समापन किया।