वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
बुद्धि व ज्ञान जहाँ से मिले उसे ले लो!
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चम्बल साहित्य संगम की ओर से पैगम्बर हजरत मुहम्मद स.अ.व.के 1500वें जन्म-दिवस(ईद मिलादुन्नबी)पर1500आलू बड़ों का वितरण एवं स्वागत सत्कार महासचिव कवि हलीम आईना की ओर से किया गया। अध्यक्ष बद्री लाल दिव्य ने बताया कि हजरत मुहम्मद पूरी मानवता के लिए आदर्श थे। हमारी संस्था साहित्य सेवा के साथ सामाजिक सरोकार व सामाजिक सद्भावना के लिए विगत दो दशकों के लिए कार्य कर रही है।हलीम आईना ने बताया कि पैगम्बर साहब की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं।”बुद्धि व ज्ञान जहाँ से मिले ले लो, दूसरों के प्रति जो दयालु नहीं,वह इस्लाम का सच्चा अनुयायी भी नहीं, दूसरों की गलतियों को अनदेखा कर माफ़ कर दो, धर्म बहुत आसान है, इसे बोझ न बनाओ!”आदि।
पैगम्बर साहब ने अपनी 63साल की उम्र में कभी झूठ नहीं बोला,विनम्र, दयालु, मददगार साथ ही अपनी सदाचारी व ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे।
