✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा | First India News
कोटा, राजस्थान: देश की कोचिंग राजधानी कहे जाने वाले कोटा से एक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जम्मू-कश्मीर से मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा आई एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। महावीर नगर थाना क्षेत्र के एक हॉस्टल में रह रही 17 वर्षीय छात्रा जीशान ने रविवार रात अपने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी।
हॉस्टल के कमरे में मिला शव, पुलिस कर रही जांच
पुलिस के मुताबिक, जीशान महावीर नगर सेक्टर-2 स्थित एक निजी हॉस्टल में रहकर NEET परीक्षा की तैयारी कर रही थी। देर रात तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकली, तो साथी छात्रों को शक हुआ। हॉस्टल संचालक को सूचना दी गई और जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर पंखे से लटकता हुआ छात्रा का शव मिला।
घटना की सूचना मिलते ही महावीर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल भिजवाया गया। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रथम दृष्टया मामला डिप्रेशन या पढ़ाई के दबाव से जुड़ा माना जा रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
जम्मू-कश्मीर की रहने वाली थी छात्रा
पुलिस ने बताया कि मृतक छात्रा जीशान जम्मू-कश्मीर की निवासी थी और पिछले कुछ महीनों से कोटा में रहकर एक कोचिंग संस्थान में मेडिकल की तैयारी कर रही थी। बताया जा रहा है कि वह पढ़ाई में काफी मेधावी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह मानसिक रूप से परेशान नजर आ रही थी।
कोटा में आत्महत्याओं का सिलसिला नहीं थम रहा
कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स द्वारा आत्महत्या की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। हर साल हजारों छात्र-छात्राएं यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आते हैं। पढ़ाई का दबाव, घर से दूर रहना और प्रतियोगिता की होड़ में मानसिक तनाव बढ़ जाता है, जो कई बार आत्महत्या जैसे कदम उठाने का कारण बनता है।
2025 में अब तक कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 16 पहुंच गई है, जो प्रशासन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
प्रशासन और कोचिंग संस्थानों पर सवाल
हर बार छात्र आत्महत्या की खबरों के बाद प्रशासन जागता है, कुछ घोषणाएं होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात नहीं बदलते। हॉस्टलों में काउंसलिंग की व्यवस्था, छात्रों की मानसिक सेहत की निगरानी और समय-समय पर मोटिवेशनल सेशन की सख्त जरूरत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना अब कोचिंग इंडस्ट्री की नैतिक जिम्मेदारी बन चुकी है।
यदि आप या आपके आसपास कोई मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो कृपया तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपकी जान अनमोल है।