सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा


सोजत, 20 मार्च: ग्राम पंचायत गागुड़ा में किसानों के लिए तीन दिवसीय फार्मर एग्रोस्टॉमी शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में क्षेत्र के किसानों ने ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को पूरा किया और अपनी प्राप्ति रसीद प्राप्त की। शिविर का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आधिकारिक दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन कराना था।
प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भूमिका
शिविर के दौरान ग्राम पंचायत गागुड़ा के प्रशासक देवाराम देवासी, पटवारी हुकम सिंह, पटवारी चंपादान, पटवारी दिलीप सिंह लखावत, सहायक कृषि अधिकारी राजश्री, ग्राम विकास अधिकारी रघुनाथ सिंह लखावत, ग्राम विकास अधिकारी इमरान खान, दिनेश आसियारी (एलडीसी) और सूचना सहायक (पंचायत समिति सोजत) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिविर में किसानों को मिला लाभ
इस शिविर में किसानों को फार्मर एग्रोस्टॉमी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने में सहायता दी गई। किसानों को डिजिटल पंजीकरण, ई-केवाईसी सत्यापन, भूमि दस्तावेजों की जांच और कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दी गई।
कृषि योजनाओं का लाभ उठाने की अपील
ग्राम पंचायत अधिकारियों और कृषि विभाग के कर्मचारियों ने किसानों से सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया से किसानों को कृषि अनुदान, बीमा योजना, और अन्य सरकारी लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।
किसानों ने जताया आभार
शिविर में भाग लेने वाले किसानों ने प्रशासन और कृषि विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों से सरकारी योजनाओं तक किसानों की पहुंच आसान होती है, जिससे वे आधुनिक तकनीकों और कृषि सुविधाओं से जुड़ सकते हैं।
अधिकारियों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
ग्राम पंचायत गागुड़ा के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में भी इस तरह के शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें। कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को खेत की मिट्टी की जांच, उन्नत बीज, जैविक खेती और सरकारी सब्सिडी योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया।
गागुड़ा में आयोजित यह तीन दिवसीय फार्मर एग्रोस्टॉमी शिविर किसानों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हुआ। किसानों ने इस शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी कृषि योजनाओं को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेजों का सत्यापन और पंजीकरण कराया। प्रशासन द्वारा भविष्य में भी इस तरह के शिविरों के आयोजन का आश्वासन दिया गया ताकि अधिक से अधिक किसान डिजिटल सुविधाओं और कृषि योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।