✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत। शीतला सप्तमी के पावन अवसर पर सोजत नगर में आज परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धालुओं ने माता की पूजा-अर्चना की। इस पर्व पर घरों में बिना चूल्हा जलाए ठंडा भोजन ग्रहण करने की परंपरा निभाई गई। श्रद्धालुओं ने एक दिन पहले भोजन बनाकर रखा और आज सुबह शीतला माता के मंदिरों में दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ ने विधिपूर्वक माता की आराधना की।
शीतला माता की पूजा-अर्चना से शुरू हुई सप्तमी
सुबह से ही श्रद्धालु शीतला माता के मंदिरों में जल चढ़ाने और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। मंदिरों में विशेष मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भजन-कीर्तन, जागरण और हवन शामिल रहे। माता के भक्तों ने श्रद्धा पूर्वक हलवा, पूड़ी, बाजरे की रोटी, दही और गुड़ का भोग अर्पित किया।
राजस्थान का सबसे बड़ा शीतला सप्तमी मेला सोजत में शुरू
सोजत में हर साल की तरह इस बार भी शीतला सप्तमी का भव्य मेला शुरू हो गया है। यह मेला सात दिन तक चलेगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होंगे।
गैर नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र
इस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न गाँवों और समाजों की ओर से पारंपरिक गैर नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। सोजत नगर पालिका द्वारा गैर दलों का झंडा दिखाकर स्वागत किया जाएगा, जिससे इस आयोजन की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी।
झूले, दुकानें और मेले की रौनक
बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं झूले झूलने और विभिन्न प्रकार के सामान खरीदने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। मेले में खिलौने, मिठाइयाँ, वस्त्र, आभूषण और पारंपरिक राजस्थानी सामानों की दुकानें सज चुकी हैं।
व्यवस्था और सुरक्षा चाक-चौबंद
सोजत नगर पालिका ने मेले की सुरक्षा और सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। प्रमुख स्थलों पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं में उत्साह, मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब
शीतला सप्तमी पर्व को लेकर सोजत नगर में भक्तों का भारी उत्साह देखा जा रहा है। श्रद्धालु शीतला माता के दर्शन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
सात दिन तक चलने वाले इस मेले में आप भी शामिल होकर धार्मिक और सांस्कृतिक उल्लास का आनंद उठा सकते हैं।