वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा की खास खबर
एडवोकेट गजेंद्र दवे और भगवती प्रसाद की प्रभावी पैरवी से परिवार को मिला न्याय
पाली जिले के सोजत सिटी में 2015 में हुए एक दर्दनाक हादसे पर न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सोजत ने राज्य सरकार और नगरपालिका सोजत को दोषी मानते हुए मृतक नरेंद्र टांक (गुड्डू सा) के परिजनों को ₹44,10,480 का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
कैसे हुआ हादसा?
21 मई 2015 को सोजत सिटी निवासी नरेंद्र टांक अपने घर जा रहे थे। तभी बीच सड़क पर अचानक दो सांडों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उन्हें गंभीर चोटें आईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। नगर पालिका की लापरवाही के कारण शहर में आवारा पशुओं की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी, और इसी कारण यह दुखद घटना घटी।
कोर्ट ने कैसे तय किया मुआवजा?
अदालत ने नरेंद्र टांक की मासिक आय ₹38,040 मानी। इस आय में से ₹12,680 को घर खर्च मानकर शेष ₹25,360 को गणना का आधार बनाया गया। इस आधार पर ₹44,10,480 का मुआवजा तय किया गया। इसके अलावा, कोर्ट ने क्लेम की तारीख से 6% वार्षिक ब्याज भी देने का आदेश दिया है।
परिवार को मिला न्याय
मृतक के परिजनों की ओर से एडवोकेट गजेंद्र दवे और भगवती प्रसाद ने प्रभावी पैरवी की, जिसके चलते यह फैसला परिवार के पक्ष में आया। इस फैसले को नगर पालिका और सरकार की जवाबदेही तय करने वाले महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।