✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। राजस्थान सरकार किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने तथा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन से जुड़ा हर व्यक्ति सुरक्षित और आत्मनिर्भर बने। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी योजनाएं इस समय राज्य में किसानों और पशुपालकों के लिए संचालित हो रही हैं और इनसे क्या-क्या लाभ मिल रहा है।
किसानों के लिए प्रमुख योजनाएं:
- मुख्यमंत्री किसान ऊर्जा योजना:
- इस योजना के तहत किसानों को कृषि कनेक्शन पर बिजली सब्सिडी दी जाती है।
- 3 एचपी से ऊपर के कृषि पंपों पर विशेष छूट।
- सोलर पंपों को बढ़ावा देने हेतु विशेष अनुदान।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN):
- केंद्र सरकार की इस योजना में राजस्थान के पात्र किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में मिलती है।
- मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना:
- किसानों को प्रमाणित बीजों की खरीद पर 50 से 75 प्रतिशत तक अनुदान।
- सूखा प्रभावित क्षेत्रों में विशेष छूट और प्राथमिकता।
- राजस्थान कृषि ऋण माफी योजना:
- छोटे और सीमांत किसानों का सहकारी बैंकों से लिया गया ऋण माफ किया गया है।
- अब तक लाखों किसानों को लाभ मिल चुका है।
- फसल बीमा योजना:
- प्राकृतिक आपदा, ओलावृष्टि, सूखा या अत्यधिक बारिश की स्थिति में फसल क्षति का बीमा कवरेज।
- ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध।
पशुपालकों के लिए प्रमुख योजनाएं:
- मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना:
- सहकारी डेयरियों को दूध बेचने वाले पशुपालकों को प्रति लीटर ₹2 से ₹5 तक का प्रोत्साहन बोनस।
- महिला पशुपालकों को प्राथमिकता।
- पशुचिकित्सा शिविर योजना:
- ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पशुचिकित्सा शिविर लगाए जाते हैं।
- टीकाकरण, नसबंदी, चिकित्सा सुविधा और परामर्श की सुविधा।
- राजस्थान गोपालन योजना:
- गोपालकों को डेयरी फार्म खोलने के लिए अनुदान और सस्ती ब्याज दर पर ऋण।
- नस्ल सुधार एवं कृत्रिम गर्भाधान पर विशेष प्रशिक्षण।
- पशुधन बीमा योजना:
- गाय, भैंस, ऊंट, बकरी आदि पशुओं के लिए बीमा योजना उपलब्ध।
- पशु की मृत्यु पर बीमा राशि का भुगतान।
- जलजीवन पशुधन योजना:
- विशेष रूप से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए पानी और चारे की व्यवस्था।
- टैंकर से जल आपूर्ति और हरे चारे के वितरण की सुविधा।
राज्य सरकार की प्राथमिकता:
मुख्यमंत्री का कहना है कि “राजस्थान की रीढ़ किसान और पशुपालक हैं, इनके बिना प्रदेश की अर्थव्यवस्था अधूरी है। हमारी सरकार हर संकट में उनके साथ खड़ी है।” राज्य के बजट में इन योजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान और पशुपालक तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचे और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो।
राजस्थान सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों के लिए चलाई जा रही योजनाएं न केवल आर्थिक मदद देती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती हैं। अगर इन योजनाओं की सही जानकारी और क्रियान्वयन सुनिश्चित हो, तो ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर बदली जा सकती है।
अगर आप चाहें तो इसी विषय पर ज़िलेवार लाभार्थियों के आंकड़े या किसी योजना पर विशेष रिपोर्ट भी तैयार की जा सकती है।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा