

पारस रिजॉर्ट सोजत रोड मार्ग पर आयोजन के स्थानीय सूत्रधार सीजीआईएफ के ग्लोबल अध्यक्ष अनोप सिंह लखावत एवं उनकी टीम के प्रयासों से अधिवेशन में चार चांद लग गए । इस मौके सीजीआईएफ फाउंडेशन के संरक्षक राजा भाई रुडाच ने कहा कि चारण समाज युगो युगो से सभ्यता एवं संस्कृति का संवाहक रहा है ,संगठन ने समाज की एकता को नई दिशा दी है । ग्लोबल अध्यक्ष हाकम दान चारण ने कहा कि समाज की दशा एवं दिशा तय करने में समर्पण भाव प्रमुख है इस मौके सोजत विधायक श्रीमती शोभा चौहान ने कहा कि चारण समाज ने देश की संस्कृति एवं सामाजिक एकता में महत्ती भूमिका निभाई है, पूर्व कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण दवे ने कहा कि किसी भी समाज के उत्थान में समाज की एकता एवं सहयोग की प्रवृत्ति अहम रहती है देश एवं प्रदेश के उत्थान में चारण समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है उन्होंने ग्लोबल अध्यक्ष अनोपसिंह लखावत एवं उनकी उर्जावान टीम का इस भव्य आयोजन के लिए साधुवाद ज्ञापित किया। सीजीआईएफ के ग्लोबल अध्यक्ष आनोप सिंह लखावत ने कहा कि समाज के उत्थान में शिक्षा एवं संस्कारों तथा आपसी सामंजस्य की निस्वार्थ भागीदारी विशेष स्थान रखती है उन्होंने आयोजन की सफलता में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले का आभार व्यापित किया महासचिव कार्यकारी निदेशक श्रीमती सुनयना चारण ने कहा कि चारण समाज ने इतिहास के संकलन एवं नारी शक्ति की महिमा का समय-समय पर एहसास करवाया है संगठन से ही समाज की नींव मजबूत होती है । उपाध्यक्ष डॉक्टर रघुवीर सिंह रत्नू ने कहा कि चारण समाज ने सदैव समग्र समाज का मार्गदर्शन किया है। 2-वेशभूषा रही आकर्षक — इस आयोजन में क ई प्रबुद्ध जनों ने परंपरागत वेशभूषा एवं महिलाओं ने राजस्थानी परिवेश धारण कर स्थानीय संस्कृति को गौरवांवित किया। अधिवेशन में आए अतिथियों का परंपरागत तरीके से शाल, साफा, चुनरी, माल्यार्पण एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। श्रीमती मंजू लखावत एवं सुश्री निधि लखावत के नेतृत्व में सभी महिलाओं बालिकाओं का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया । इस मौके समाज के उत्थान के लिए नवाचार के रुप में क ई प्रस्ताव लिए गए समारोह में राजस्थानी शहनाई संगीत वादन भी आकर्षक रहा। 3.यह थे उपस्थित — इस मौके देश के कौने कौने से आए चारण समाज के प्रबुद्ध जन,जन प्रतिनिधि,अभिभाषकगण,चिकित्सक, उधोगपति, समाज सेवी एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। वही आयोजन में मूक पशु पक्षियों के लिए परिंडा बांधने, पर्यावरण संरक्षण एवं बालिका शिक्षा का संकल्प लिया गया। सम्मेलन में राजा भाई रुडाच,हाकम दान चारण,प्रभुदान गढ़वी,सुनयना चारण,ओम प्रकाश उज्ज्वल, अनोपसिंह लखावत, रघुवीर सिंह रत्नू, सरदार सिंह सांदू, महिपाल सिंह लखावत, निधि लखावत,चेतन व्यास, सुरेश ओझा,लालचंद मोहिल, देवीलाल सांखला, हनवंत सिंह, श्रीमती श्यामा चारण,पुस्पत राज मुणोत सहित कई गणमान्य जन उपस्थित थे।